भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी कनखल के संस्थापक ज्योतिषाचार्य डा. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि मंगलवार को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इस बार रावण दहन पंचकों में होगा।
क्योंकि पंचक 23 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाएंगे, लेकिन मंगलवार को दशहरा सेना, पुलिस इत्यादि के लिए शुभ नहीं होता है। विजय दशमी को अबूझ मुहूर्त होता है। इसलिए इस दिन किसी भी ज्योतिष से मुहूर्त पूछने की जरूरत नहीं होती। उन्होंने बताया कि इस दिन कोई भी कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। नई दुकान, नई वेब प्रारंभ करना, नया मुकदमा प्रारंभ करना इत्यादि विवाह को छोड़कर सभी कार्य इस दिन किए जा सकते हैं।
इस दिन अपने ग्राम और शहर की सीमा का उल्लंघन करना चाहिए अर्थात इस दिन अपने ग्राम से बाहर जरूर जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि नवरात्र समाप्ति के अगले दिन होने वाले दशहरा पर्व पर मां अपराजिता का पूजन किया जाता है। जो इस दिन अपराजिता का पूजन करता है वो किसी से भी पराजित नहीं होता।
मिश्रपुरी ने बताया कि इस दिन शमी के पेड़ का पूजन जन्म कुंडली में शनि दोष को समाप्त करता है। जिन पर शनि की साढ़े सती चल रही हो वो रावण दहन के बाद भैरव मंदिर में जाकर तिल के तेल का दीपक जलाएं। दशहरा पर्व मंगलवार को है और इस दिन मंगल का ही नक्षत्र है। मंगलवार कोई शुभ योग नहीं है। उन्होंने बताया कि जिनका मंगल खराब है वह अपना विशेष ध्यान रखें। ये दिन तंत्र के साधकों के लिए बहुत शुभ है। इस दिन तंत्र साधक मारण, वशीकरण प्रयोग बहुत करते हैं। इस दिन अपराजिता के पूजन के साथ शस्त्र का पूजन भी किया जाता है। इस दिन सभी अखाड़ों में भी शस्त्र पूजन किया जाता है।