देहरादून। महानगर कांग्रेस कमेटी के पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने निकाले गये विधानसभा कर्मचारियों के धरना देने पर उन्हें जबरन हटाये जाने को निंदनीय करार दिया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का राग अलापने वाली उत्तराखण्ड की भाजपा सरकारों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है तथा पिछले छह वर्षों में हुए भ्रष्टाचार के रोज नये मामले खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार के नाम पर युवाओं से उनके परिवार की खून-पसीने की कमाई डकारी जा रही है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाला, सहकारिता विभाग भर्ती घोटाला और विधानसभा भर्ती घोटालों में भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राज्य को-आपरेटिव बैंक में चतुर्थ श्रेणी जैसे पदों की भर्ती में हुए भारी भ्रष्टाचार ने सरकार की कलई खोल कर रख दी है।
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी को-आपरेटिव बैंक में रिक्त पदों पर हुई भर्ती में भारी भ्रष्टाचार को अंजाम देने की नीयत से चयन परीक्षा उत्तराखण्ड के किसी स्थान पर कराने की बजाय नोएडा में आयोजित कर स्थानीय बेरोजगार नौजवानों के हक को मारा गया। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया था कि सरकार में उगाही की खुली लूट मची हुई है जिस पर लगाम लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की संवेदनहीनता दर्शाता है और बताता है कि भाजपा एक तरफ तो रोजगार देने का झूठा वादा युवाओं से कर रही है और दूसरी तरफ जिनके पास रोजगार है उनका रोजगार छीनने का कार्य कर रही। इस अवसर पर पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा नें भाजपा सरकारों को बेरोजगार विरोधी सरकार बताते हुए कहा कि चाहे केन्द्र सरकार हो या राजय सरकार भाजपा ने हर स्तर पर नौजवानों को छलने का ही काम किया है। उन्होने कहा कि जब से केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सत्ता पर काबिज हुए लाखों नहीं करोड़ों लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोने पडे हैं। उन्होंने कहा कि इन हटाये गये कर्मचारियों के साथ न्याय होना चाहिए।