-कौशल सिखौला वरिष्ठ पत्रकार
दुनिया की सबसे बड़ी फ़िल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड के दिन लद गए क्या ?
2020 में कोराेना क्या आया , मानों बॉलीवुड का काल आ गया !
हॉलीवुड से बड़ी इंडस्ट्री का दर्जा हासिल था बॉलीवुड को !
अब तक दक्षिण भारत की समृद्ध फिल्म इंडस्ट्री पर हावी रहे बॉलीवुड को भविष्य में नोएडा जैसी भावी फिल्म इंडस्ट्री से चुनौती मिल जाए तो आश्चर्य नहीं होगा !
कोलकाता जैसे पुरानी समृद्ध फिल्मी दुनिया तो जब चाहे मुंबई को धूल चटाने में समर्थ है !
बात सीधी करें तो बॉलीवुड के पतन के लिए सलमान , शाहरुख , आमिर , फरहा खान और करण जौहर जैसे अनेक कलाकार व निर्माता शामिल हैं । बाकी काम इंडस्ट्री के नेपोटिजम्म ने कर दिखाया । याद कीजिए , सब कुछ अचानक नहीं हुआ । जानबूझकर फिल्मों में डॉन , आतंकवादियों , गुंडों , बदमाशों के चरित्र हिंदू नामों से गढ़े गए । जबकि असल जिंदगी में काफी कुछ इसका उलट है । मंदिर के पुजारी को बलात्कारी फिल्माया गया और मस्जिद के मौलवी को मुहब्बत का मसीहा ।
दर्शकों ने अक्षय कुमार की हाउसफुल जैसी फिल्में हिट करा दी पर पृथ्वीराज चौहान जैसी फिल्म पीट दी । हाल में शमशेरा को संजय दत्त के त्रिपुंड धारी , चोटा धारी किरदार के बावजूद इस लिए पीट दिया चूंकि हिंदू किरदार को गुंडा दिखाया गया । लाल सिंह चड्ढा समझ लीजिए रिलीज से पहले ही पिट गई । इसके लिए आमिर खान और फिल्म की हीरोइन करिश्मा कपूर के बयान जिम्मेदार हैं ।
करीना ने नेपोटिज्म पर शेखी बघारते हुए कहा था कि हम किसी को बुलाने नहीं जाते । जिसे नहीं देखना वह ना आए । तो देवी जी अब दर्शक नहीं आएंगे , बुरा मत मानना । और हां आमिर खान साहब आपने शिवरात्रि के लिए कहा था कि लोग पत्थर को दूध पिलाकर दूध बर्बाद करते हैं । तो आमिर भाई , कल ही नाग पंचमी पर नागदेवताओं को दूध पिलाया है । काफी खर्च हो गया । अब फिल्म देखने तो नहीं आएंगे लोग ।
सलमान और शाहरूख को इस देश ने बड़ी मुहब्बत दी है । उन्होंने क्या दिया ? सुशांत सिंह राजपूत जैसे उभरते कलाकारों को मौत ही दी न ? कितनों को फिल्में लेने ही नहीं दी । याद है ऐश्वर्या राय का पक्ष रखने वाले विवेक ओबराय । सलमान ने कैसा बर्बाद किया , पता है न ? कितना गिनाएं और फायदा भी क्या । अब तो वक्त सोशल मीडिया का आ गया है । सोशल मीडिया की पावर कितनी बड़ी है , लगातार फ्लॉप होती फिल्मों से अनुमान लगा लीजिए । लोगों ने जुबां केसरी के गीत गाने वाले अमिताभ बच्चन और अजय देवगन को ही कहां बक्शा ?
हिंदी फिल्मों की बीमारी क्या है , सुनिए । फिल्मों में साहूकार कन्हैयालाल होगा और गरीबों का खून चूसने वाला होगा । पुलिस इंस्पेक्टर अमरनाथ होगा तो बेईमान और अहमद खान होगा तो ईमानदार । आश्रम का संत बाबा गोविंदानंद होगा तो स्त्री भोगी और चर्च का फादर पीटरसन होगा तो दयालु शरणदाता । फिल्म इंडस्ट्री की इन चालों को सोशल मीडिया समझ गया है ।
तो अब देखिए जब fb , ट्विटर , इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर हेसटेक बहिष्कार चला तो अकड़बाज स्टार्स के नाक रगड़ने की नौबत आ गई । दक्षिण की डब्ड फिल्में 2000 करोड़ कमा रही हैं और बॉलीवुड की शमशेरा 40 करोड़ पर दम तोड़ रही है । यही सब चला तो तीन साल से टूटी बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी । निःसंदेह इसके लिए बड़े स्टार्स जिम्मेदार हैं । केवल फिल्मी परिवारों के बच्चों को आगे बढ़ाने वाले स्थापित फिल्मी खानदान जिम्मेवार होंगे । फिल्मों में हिंदू आस्थाओं से घिनौना खिलवाड़ चलता रहा तो बॉलीवुड रसातल में जाएगा , साउथ फिल्म इंडस्ट्री टॉप पर ?