ramlila haridwar uttarakhad

ramlila haridwar uttarakhad भगवान श्री राम की अर्धांगिनी सीता की खोज में राम भक्त हनुमान अशोक वाटिका पहुंचे

हरिद्वार उत्तराखंड

ramlila haridwar uttarakhad तीर्थ नगरी हरिद्वार की सबसे पुरानी 173 साल से लगातार हो रही कनखल की श्री रामलीला आज भी अपने पूरे यौवन  पर है। रामलीला को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। आज कनखल की रामलीला में भगवान श्री राम की अर्धांगिनी सीता की खोज में राम भक्त हनुमान अशोक वाटिका पहुंचे और उन्होंने जब अशोक के वृक्ष से राम जी द्वारा सीता जी के लिए भिजवाई गई अंगूठी गिरायी तो उसे देखकर सीता जी भावुक को गई और उनके आंखों में आंसू छलक आए।

ramlila haridwar uttarakhad राम भक्त हनुमान पहुचे श्रीलंका, हनुमान से मिल सीता मैया हुई भावुक

ramlila haridwar uttarakhad उन्होंने इस अंगूठी को भेजने वाले देवदूत को याद किया तो हनुमान जी अशोक के वृक्ष से नीचे उतरकर सीता माता के सामने आए और उन्हें प्रणाम किया उन्हें देखकर सीता माता भावुक हो गई और हनुमान जी से भगवान श्री राम के बारे में हाल-चाल जाना माता सीता और हनुमान के बीच संवाद से माहौल भावुक को गया सीता माता की अनुमति लेकर हनुमान जी लंका में फल खाने के लिए फल वाटिका में गए जहां से उन्हें रावण के सिपाही पकड़ कर रावण के दरबार में ले गए रावण को हनुमान जी ने सीता मैया को सम्मान पूर्वक भगवान श्री राम के पास पहुंचने और भगवान राम से क्षमा याचना करने की बात कही। ramlila haridwar uttarakhad

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ramlila haridwar uttarakhad परंतु अहंकारी रावण ने हनुमान जी की एक नहीं सुनी और उनकी पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया। हनुमान जी की पूंछ में जैसे ही आग लगी तो उन्होंने लंका दहन कर दिया जिससे पूरी लंका नगरी घबरा गई। इस तरह कनखल की रामलीला में आज हनुमान जी के शौर्य और सीता हनुमान मिलन का भावुक दृश्य देखने को मिला।

ramlila haridwar uttarakhad इस अवसर पर श्री रामलीला कमेटी  कनखल के संयोजक शैलेंद्र कुमार शर्मा भोंटू भाई ने कहा कि 173 साल का सफर तय करते हुए रामलीला कमेटी कनखल आज एक मुकाम पर खड़ी है और 2 साल बाद श्री रामलीला कमेटी कनखल की 175 वीं जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर पार्षद नितिन माना,प्रमोद चंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे।

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