एन वी सर ने दिया सलेक्शन मंत्र
हरिद्वार। किसी भी कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में सफलता के लिए सही स्ट्रैटेजी बहुत जरूरी है। सफलता में अकेले कोचिंग की ही नहीं, विद्यार्थी और उसके अभिभावकों की भी बड़ी भूमिका होती है। मोशन एजुकेशन के फाउंडर और सीईओ नितिन विजय ने देश के जाने माने शिक्षाविद और फिजिक्स टीचर नितिन विजय यानी एन वी सर ने कहा कि मोशन एजुकेशन के जरिए हम गत 17 साल में लाखों बच्चों को जेईई और नीट की तैयारी करवा चुके हैं। कोटा में हम बच्चे के सलेक्शन के लिए अनुभवी फैकल्टीज से पाठ्क्रम पूरा करवाकर अपडेट अध्ययन सामग्री और टेक्नोलॉजी सपोर्ट देते है और यह सुविधा अब आपके अपने शहर हरिद्वार में भी उपलब्ध है। यहां पर डाउट क्लीयर कर नियमित टेस्ट करवाये जाते हैं। लेकिन यह शानदार सिस्टम भी तभी रिजल्ट देता है जब स्टूडेंट नियमित रूप से कक्षा में जाएं, होमवर्क समय पर पूरा करें, बेकलोग नहीं बनाने दें, रोजाना कोचिंग सहित 12 से 15 घंटे अध्ययन करें, अपने शिक्षकों की बात माने, टेस्ट दें और उसके बाद रही अपनी कमियों पर गौर कर ठीक करें।
बच्चे की सफलता के लिए माता-पिता को चाहिए कि वे उनसे रोज बात करें और उसकी दिनचर्या पर नजर रखें. घर की समस्याओं और विवादों से दूर रखें, समय समय पर हरिद्वार मोशन सेंटर आएं और जाने की बच्चा कैसे परफॉर्म कर रहा है, पी टी एम में भाग लें। बच्चों को हर टेस्ट देने के लिए प्रेरित करें और उनकी गलतियों को पहचान कर दूर करने में मदद करें। अगर टेस्ट में नंबर कम आते हैं तो यही कहें कि तुम अपनी ओर से सबसे अच्छा करो, जो परिणाम आएगा, हम उसे पूरे दिल से स्वीकारेंगे। यह आश्वासन उन्हें होसला देंगी।
अपने शिक्षक पर पूरा भरोसा करें
विद्यार्थी को यह मानकर चलना चाहिए कि वह जो भी पढ़ रहा है, उसके लिए पहली बार है लेकिन शिक्षक वह सब पहली बार नहीं पढ़ा रहे होते हैं। उन्होंने हजारों विद्यार्थियों को वह सब्जेक्ट पढ़ाया होता है। उन्हें पता होता है कि विद्यार्थी की क्षमता क्या है और उसको किस तरह पढ़ाना और सिखाना है। इसलिए सफलता के लिए जरूरी है कि वह अपने तरीके से पढ़ने की जगह अपने अपने शिक्षक के निर्देशों का पालन करें।
बेकलॉग नहीं बनाने दें
एग्जाम से पहले फुल कोर्स को कम से कम दो बार पूरा करें। ज्यादातर विषयों में टॉपिक्स और कॉन्सेप्ट्स एक Infinix सरे गढ़डिपेंड करते हैं। यदि आपने बीच की कुछ क्लासेज मिस कर दी, तो आगे के टॉपिक्स समझना मुश्किल हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि छात्र-छात्राएं कक्षा में नियमित आएं। किसी भी हाल में बेकलॉग नहीं बनाने दें।स्वस्थ रहें, मस्त रहें
पढ़ाई के दौरान स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। हेल्दी फूड-आहार हल्का, सुपाच्य और स्वास्थ्यवर्धक हो और पूरी नींद लें। हल्के शारीरिक व्यायाम जैसे योग या ध्यान के लिए भी समय निकालना चाहिए ताकि थकान दूर हो सके और आप तरोताजा एवं शांत बने रहें।
टेस्ट दें, उसका एनालिसिस करें
सफलता के लिए हमें अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस का बिल्कुल सही-सही अंदाजा होना चाहिए। इसलिए टेस्ट दें। टेस्ट सॉल्व करने से आपकी टाइम बाउंड प्रैक्टिस होती है और एग्जाम जैसी फील आती है। बार-बार टेस्ट देने से एग्जाम का फोबिया नहीं होता है। आप खूब टेस्ट दीजिए। उनका प्रॉपर एनालिसिस कीजिए और आगे बढ़ते रहें।
गलती ठीक करें और आगे बढ़ें
कई बार जब टेस्ट में सवाल गलत होने लगते हैं तो कुछ बच्चे घबराकर अपनी तैयारी और क्षमता पर ही पाक करने लगते हैं। कई तो लड़ना यानी रेस में आगे बढ़ने की कोशिश ही छोड़ देते हैं। लेकिन यह गलत है। निराश होने की जगह हर गलत हुए सवाल को दो-दो बार चेक करें, खुद से पूछें कि मैं कहां गलत था। आप जहां भी गलत हो, गलती ठीक करें और खुद से कमिटमेंट करें कि असली एग्जाम में यह गलती नहीं करूंगा।
पेपर सॉल्व करने के लिए सही स्ट्रेटेजी अपनाएं
गलत हो गए या छूट गए सवाल के मामले में आमतौर पर तीन तरह की गलतियां होती हैं- नॉलेज से सम्बंधित यानी ऐसे सवाल जिनके बारे में आपको जानकारी ही नहीं थी, आपको कॉन्सेप्ट तो आता तो था लेकिन आपने उस सवाल को हल करने की प्रक्रिया में कहीं गलती या कैलकुलेशन मिस्टेक कर दी या सॉल्व करने का ऑर्डर ठीक नहीं था। जैसे आपने कोई कठिन या उलझा सवाल पहले हल करना शुरू कर दिया और उसी में काफी समय लग गया। इससे कई सवाल छूट गए।ऐ से कही सारे सुझाव बच्चों को दिए गए। प्रेस वार्ता में अतिथि श्री नितिन विजय सर (N.V Sir)संस्थान निर्देशक रोहित कपूर एवं पारुल जैन रवीश सिद्दिकी (महा प्रबंधक)उ पमा जोहरी (निर्देशक)I nfinix नितिन नौधरी, मोहित सैन, अनुराग शर्मा (शाखा प्रबंधक) मौजूद रहे।