महाशिवरात्रि का पर्व हमारे जीवन में ईश्वरीय शक्ति के महत्व को दिखलाता है – डा. श्रीप्रकाश मिश्र

धर्म राज्य

मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा मातृभूमि शिक्षा मंदिर के तत्वावधान शिव संवाद कार्यक्रम संपन्न

 कुरुक्षेत्रl

संसार में जब-जब धर्म की हानि होती है, सृष्टि पर पाप व अन्याय बढ़ता है, तब शिव इस धरा पर अवतरित होते हैं। शिव के साथ रात शब्द इसलिए जुड़ा है क्योंकि वो अज्ञान की अँधेरी रात में इस सृष्टि पर आते हैं। जब सारा संसार मनुष्य मात्र अज्ञान रात्रि में, अर्थात माया के वश हो जाता है। जब पवित्रता और शान्ति का सत्य धर्म व स्वयं की आत्मिक सत्य पहचान हम भूल जाते हैं तो ऐसे समय भी सारे संसार को जगाने, समस्त मानवता के उत्थान व सम्पूर्ण विश्व में फिर से शान्ति, पवित्रता और प्रेम के सत्य धर्म स्थापित करने हेतु अवतरित होते है। यह विचार महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के तत्वावधान में आयोजित शिव संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किए। कार्यक्रम में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के ब्रम्हचारियों द्वारा पार्थिव शिवलिंग के अभिषेक एवं पूजन से हुआ। सभी ब्रम्हचारियों ने लोकमंगल की कामना के साथ पार्थिव शिवलिंग का वैदिक मंत्रो से पूजन किया। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा योगियों और संन्यासियों के लिए महाशिवरात्रि वह दिन है जब शिव कैलाश पर्वत के साथ एकाकार हो गए थे। यौगिक परम्परा में शिव को ईश्वर के रूप में नहीं पूजा जाता है। बल्कि उन्हें प्रथम गुरु, आदि गुरु माना जाता है। जो योग विज्ञान के जन्मदाता थे। कई सदियों तक ध्यान करने के बाद शिव एक दिन वह पूरी तरह स्थिर हो गए। उनके भीतर की सारी हलचल रुक गई और वह पूरी तरह स्थिर हो गए। वह दिन महाशिवरात्रि था। इसलिए संन्यासी महाशिवरात्रि को स्थिरता की रात के रूप में देखते हैं। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा महाशिवरात्रि आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है। महाशिवरात्रि का पर्व हमारे जीवन में ईश्वरीय शक्ति के महत्व को दिखलाता है। हमें भगवान शिव के द्वारा मानव जाति तथा सृष्टि के कल्याण के लिए विषपान जैसे असीम त्याग को प्रदर्शित करता है। यह दिन हमें इस बात की याद दिलाता है कि यदि हम अच्छे कर्म करेंगे और ईश्वर के प्रति श्रद्धा रखेंगे तो ईश्वर भी हमारी रक्षा अवश्य करेंगे। लोगों का मानना है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव हमारे निकट होते हैं और इस दिन पूजा-अर्चना तथा रात्रि जागरण करने वालों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। कार्यक्रम में मातृभूमि सेवा मिशन के सदस्य, विद्यार्थी, कार्यकर्ता एव गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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