शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन गोपाष्टमी मनाई जाती है।इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस वर्ष 01 नवंबर मंगलवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन गोपाष्टमी मनाई जाएगी। कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को गायों को चराने के लिए वन में भेजा गया था।यशोदा मईया भगवान श्रीकृष्ण को प्रेमवश कभी गौ चारण के लिए नहीं जाने देती थीं। लेकिन एक दिन कन्हैया ने जिद कर गौ चारण के लिए जाने को कहा। तब यशोदा जी ने ऋषि शांडिल्य से कहकर मुहूर्त निकलवाया और गोपाष्टमी के दिन सुबह अपने श्रीकृष्ण को गौ चारण के लिए भेजा। गोपाष्टमी के विषय में और भी कथाएं है।
गोपाष्टमी के दिन प्रातः काल गायों और बछडों को स्नान कर गंधपुष्प से पूजन करें उन्हें सुन्दर आभूषण पहनाएं। यदि आभूषण सम्भव न हो तो उनके सींगों को रंग से सजाएं अथवा उन्हें पीले फूलों की माला से सजाएं। उन्हें हरा चारा और गुड़ खिलाना चाहिए।गायों और बछडों को गोग्रास देकर परिक्रमा करें और वस्त्र तथा धूप दीप से आरती उतारे साथ में ग्वालो का पूजन करें। गौशाला के लिए दान दें। गोपाष्टमी पर गायों एवं बछडों का पूजन करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं,उपासक को धन और सुख-समृ्द्धि की प्राप्ति होती है और घर-परिवार में लक्ष्मी का वास होता है।
महंत रोहित शास्त्री ने बताया सायंकाल को गाय और बछड़े चरकर वापिस लौट आते हैं उस समय उन्हें प्रणाम करें और उनकी चरणरज अपने मस्तक पर लगाए।
*महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) प्रधान श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट(पंजीकृत) रायपुर ठठर जम्मू कश्मीर। संपर्कसूत्र 9858293195,7006711011,9796293195.ईमेल :rohitshastri.shastri1@gmail.com*