धनतेरस 29 अक्टूबर मंगलवार को,शुभ मुहूर्त में करें खरीदारी एवं पूजन : महंत रोहित शास्त्री
कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया इस वर्ष सन् 2024 ई. को कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर मंगलवार सुबह 10 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और 30 अक्टूबर बुधवार दोपहर 01 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। धनतेरस का पूजन कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में करने का विधान है और 29 अक्टूबर मंगलवार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी का प्रदोष काल रहेगा। बुधवार 30 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी दोपहर 01 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए इस वर्ष धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाया जाएगा।मंगलवार 29 अक्टूबर को प्रदोष काल शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। धनतेरस के दिन शाम को यमराज और भगवान धनवंतरी के साथ ही गणेश, मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करे। मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत भी रहेगा।
धनतेरस पूजा करने की विधि :-
पहले आत्म पूजा करें फिर पूजा सथल को गंगाजल से शुद्ध करें एक लकड़ी का पाटा लें और उस पर स्वास्तिक का निशान बनाएं फिर धन्वंतरि और लक्ष्मीनारायण श्रीगणेश की पूजा करने के लिए सबसे पहले धनतेरस पर शाम को पूड़ी या रोटी पर सरसों तेल का दिया जलाकर रख दें और दीपक पर रोली और चावल का तिलक लगाएं। दीपक में थोड़ा सा मीठा डालकर भोग लगाएं फिर देवी लक्ष्मी और गणेश भगवान को कुछ पैसे चढ़ाएं। दीपक का आशीर्वाद लेकर दिए को मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में रखें,मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज के प्रकोप से सुरक्षित रहते हैं और अकाल मृत्यु नहीं होती,इसे यमदीप दान भी कहा जाता है।
दीपदान के समय इस मंत्र का जाप करते रहना चाहिए ।
मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन च मया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात सूर्यज: प्रीयतामिति॥
इस मंत्र का अर्थ है :-
त्रयोदशी को दीपदान करने से मृत्यु, पाश, दण्ड, काल और लक्ष्मी के साथ सूर्यनन्दन यम प्रसन्न हों। इस मंत्र के द्वारा लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं।
महंत रोहित शास्त्री ने बताया पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी अपने हाथों में अमृत कलश लेकर सागर मंथन के बाद प्रकट हुए। भगवान धनवंतरी के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है, भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं, संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था,भगवान धन्वन्तरी कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ऐसी मान्यता है की इस दिन बर्तन खरीदना चाहिए,विशेषकर पीतल के बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।मान्यतानुसार इस दिन की गई खरीददारी लंबे समय तक शुभ फल प्रदान करती है।
धनतेरस पर बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है लेकिन इस बात का ख्याल रखना चाहिए कभी भी घर में नए बर्तन खाली ला रखें, बर्तन खरीद कर लाने के बाद इसे पानी से भर दें,पानी को सौभाग्य का दूसरा स्वरुप माना जाता है,इससे घर में सुख, सम्पन्नता आएगी, बर्तनों को खाली न रखें,ऐसा करना बेहद अशुभ होता है।
इस दिन लोहे, स्टील एवं कांच के वर्तन खरीदने से बचना चाहिए।
धन, धान्य और समृद्धि के पर्व धनतेरस पर पूजन इन शुभ मुहूर्त में करें….
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त: 29 अक्टूबर मंगलवार शाम 5:44 से शाम 06:04 तक। कुल अवधि 21 मिनट की।
प्रदोष काल: शाम 5:44 बजे से 8:16 बजे तक।
प्रॉपर्टी, जमीन,जायदाद, मकान, दुकान, आभूषण, सोना, चांदी,वर्तन, मूर्ति,दोपहिया व चार पहिया वाहन, टीवी, फ्रिज, एसी, कंप्यूटर,लैपटॉप खरीदने, निवेश करने और नए उद्योग की शुरुआत ,मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान ,धन, धान्य, समृद्धि के लिए एवं अन्य कीमती धातु के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त इस प्रकार है :-
सुबह 10:32 से 11: 16 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:42 से 12:27 बजे तक।
दुपहर 01:05 से 02:29 बजे तक ।
दुपहर 02:45 से 05:30 बजे तक ।
शाम 5:32 बजे से रात 06:04 बजे तक ।
शेयर आदि की खरीद-फरोख्त शुभ मुहूर्त :-
शेयर आदि की खरीद-फरोख्त के लिए 29 अक्टूबर मंगलवार (दोपहर) 3:46 बजे से शाम 6 बजे तक का समय शुभ है ।
इस दिन खरीददारी करने से घर परिवार, ऑफिस में सुख समृद्धि आती है।
धनतेरस पर करें यह उपाय होगी माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त :-
साबुत धनिया देगी धन की वर्षा :-
50 ग्राम साबुत धनिया खरीद कर धनतेरस को लाएं और उसी दिन मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी के चरणों में रखें। साथ ही भगवान से अपनी मेहनत के बल पर मिलने वाले धन की मांग करें और ये जरूर मिलेगा। बाद में इस धनिया को प्रसाद के रूप में वितरित भी करें।
धनतेरस के दिन झाड़ू जरूर खरीदनी चाहिए, ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है। बताया जाता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है। खरीदी गई झाड़ू का इस्तेमाल छोटी दीपावली के दिन करें।
गौ माता की पूजा
सनातन धर्म में गाय को पूजनीय माना जाता है लेकिन दक्षिण भारत में एक ख़ास परम्परा है। यहां धनतेरस पर गाय की पूजा की जाती है क्योंकि यहां के लोग गौ माता को देवी लक्ष्मी का ही एक रूप मानते हैं इसलिए इस दिन यहां गाय का साज श्रृंगार करके लोग इसकी पूजा करते हैं।
धनतेरस के दिन घर में दक्षिणा वर्ती शंख लाना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है इस शंख से देवी लक्षणी अत्यंत प्रसन्न होती है और घर में प्रवेश करती है। रुद्राक्ष की माला खरीदना भी शुभ होता है।
*लेखक महंत रोहित शास्त्री अध्यक्ष श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट (पंजीकृत)*
*संपर्कसूत्र :-* *9858293195,7006711011.*