मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा कर्नाटक के उडुप्पी स्थित पेजावर मठ के पीठाधीश्वर एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ, अयोध्या के सदस्य जगतगुरु माधवाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ का अभिनंदन समारोह कार्यक्रम संपन्न
कुरुक्षेत्र/श्रीराम पूर्णिमा के चंद्रमा की किरणों के समान सबको शीतलता और सुख देने वाले हैं। श्रीराम क्षमा, दया और दम लताओं के मंडप हैं। संसार भी भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम मानता है। वे एक आदर्श भाई, आदर्श स्वामी और प्रजा के लिए नीति कुशल व न्यायप्रिय राजा हैं। भगवान श्रीराम का रामराज्य जगत प्रसिद्ध है। हिंदू सनातन संस्कृति में भगवान श्रीराम द्वारा किया गया आदर्श शासन ही रामराज्य के नाम से प्रसिद्ध है। यह उद्गार कर्नाटक के उडुप्पी स्थित पेजावर मठ के पीठाधीश्वर एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ, अयोध्या के सदस्य जगतगुरु माधवाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ ने मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर में आयोजित अभिनंदन समारोह में व्यक्त किए।
मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर पहुंचने पर ब्रह्मचारियों ने वैदिक मंत्रेच्चारण, शंखध्वनि एवं पुष्पवर्षा से उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण एवं भारतमाता के चित्र पर माधवाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ एवं डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने संयुक्त रूप से पुष्पार्चन एवं दीपप्रज्जवलन कर किया। माधवाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ ने के द्वारा वैश्विक स्तर पर वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार, पौषण एवं लोककल्याण के लिए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर उनका अभिनंदन किया।
माधवाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ ने कहा कि मातृभूमि सेवा मिशन के समस्त सेवा प्रकल्प लोकसेवा क पर्याया है। यहाँ भारतमाता की सेवा हो रही है और यही देशभक्ति है, यही भगवद्भक्ति है और यही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन का संदेश है। प्रभु रामचंद्र का जीवन सबको प्रेरणा देने वाला है। भारतीय जनमानस में राम का स्थान अटल होने का क्या कारण है। राम हमारे जीवन के असाध्य गुणों के पूर्णत्व का दर्शन
है। जो भी मंगल है, उदात्त है, सुंदर और मधुर है उन सबकी श्रीराम में उपस्थिति की अनुभूति भारतीय जनमानस करता है।
माधवाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ ने कहा कि आज भारत के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं। भारत सदैव विश्व मंगल का उपासक रहा है। आज मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जीवन मूल्य ही वर्तमान विश्व की समस्त समस्याओं का हल है। श्रीराम तीर्थ ट्रस्ट एवं समस्त देशवासियों के सहयोग से अयोध्या में निर्माणाधीन भगवान श्रीराम मंदिर आने वाले समय में भारत के धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक जागरण एवं राष्ट्रगौरव का प्रतीक बनेगा। संसार श्रीराम को इसीलिए आदर्श एवं प्रजावत्सल शासक मानता है कि उन्होंने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। यहां तक कि उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सत्य और मर्यादा का पालन करना नहीं छोड़ा।
मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि भगवान राम का जीवन समस्त मानव समाज के लिए मानव मूल्यों का संदेश है। आज के आधुनिक जीवन में आदमी ने विभिन्न खोजें की हैं। विज्ञान की ज्ञानोपासना अविरत जारी है। लेकिन विश्व में सुख का नंदनवन निर्माण होने की अपेक्षा आत्यंतिक भय से पीडि़त मानवी जीवन हम देख रहे हैं। इसका निश्चित कारण यह है कि भौतिक व विज्ञान से निर्मित ज्ञान ने मनुष्य के भीतर की पशुता नष्ट नहीं की है। मनुष्य के मन का भय खत्म करने के लिए विज्ञान का कोई उपयोग नहीं हुआ है।
डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि जगतगुरु माधवाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ का जीवन जनसेवा, राष्ट्रसेवा एवं विश्व मंगल के लिए समर्पित है। जगतगुरु माधवाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ के द्वारा लोकसेवा के निमित्त विभिन्न सेवा प्रकल्प संचालित किए जा रहे हैं। अभिनंदन कार्यक्रम में समाजसेवी जसबीर बाहरी, कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक, गुरप्रीत सिंह, बाबू राम एवं मिशन के सदस्यों सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।