वर्तमान में हताशा निराशा एवं कर्मपथ से विमुख हो रही युवा पीढ़ी के लिए श्रीमद्भगवद्गीता अंधेरे में एक रोशनी की तरह है: डा. श्रीप्रकाश मिश्र

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अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह 2022 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम के त्रयोदश दिवस राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यमुनानगर में आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता युवा संवाद संवाद कार्यक्रम संपन्न

यमुनागर , हरियाणा। मनुष्य के आज का वर्तमान जीवन जितना सुविधाओं से परिपूर्ण है, उतना ही बेचैनी, हताशा, निराशा, दुःख, असफलता और अवसाद से भरा हुआ है। पाश्चात्य देशों की वैज्ञानिक एवं भौतिक प्रगति ने मनुष्य के विकास का जो वातावरण खड़ा किया है, जो मानक बनाया है, वह आज अधूरा सा हो गया। क्योंकि उसने मनुष्य के अंतर्मन को न समझकर सिर्फ बाहरी पहलू एवं उसके विकास को ही देखा है। आज का मनुष्य जो सुखी जीवनी चाहत की बड़ी चाहत लेकर खड़ा है, उसका मार्ग उसके कर्म में ही निहित है और उसे अपने कर्म के, जीवन के रहस्य और मर्म को जानने हेतु श्रीमद्भगवद गीता की शरण में जाना पड़ेगा। यह उद्गार अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह 2022 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम के त्रयोदश दिवस राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यमुनानगर में आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता युवा संवाद में मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डा. श्रीप्रकाश मिश्र एवं प्रधानाचार्य भूपिंदर सांगवान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन से किया। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा समाज के जरूरतमंद बच्चो के लिए निःशुल्क संचालित मातृभूमि शिक्षा मंदिर आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने श्रीमद्भगवद्गीता के संदेशों से प्रेरित बहुत ही प्रभावी ढंग से विभिन्न संस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किया। बच्चो के उत्कृष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखकर उपस्थित विद्यार्थी एवं शिक्षक समूह ने खूब तालियां बजाईं। मुख्य अतिथि डा श्रीप्रकाश मिश्र ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा श्रीमद्भगवद्गीता के संदेशों से आप सबके जीवन में क्रांति हो सकती है। वर्तमान में हताशा निराशा एवं कर्मपथ से विमुख हो रही युवा पीढ़ी के लिए श्रीमद्भगवद्गीता अंधेरे में एक रोशनी की तरह है। गीता में बताए रास्ते का अनुसरण कर आज की युवा पीढ़ी आदर्श सिद्धांत और नैतिक मूल्यों का विकास कर समाज एवं देश के विकास में अपना योगदान दे सकती है। गीता का संदेश देश और काल से परे है।

कार्यक्रम में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यमुनानगरके विद्यार्थियों ने भी प्रस्तुत दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यमुनानगर के प्रधानआचार्य भूपिंदर सांगवान ने कहा आज वर्तमान जीवन में मनुष्य को जरूरत है अपने भीतर और बाहर संतुलन बनाने की। श्रीमद्भगवद्गीता से शिक्षा लेकर मनुष्य लोभ, जलन, अहंकार, छल, कपट, स्वार्थ एवं कटुता से दूर होकर एक नवीन समाज की स्थापना करेगा। कार्यक्रम में मंच संचालन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अंबाला से शिक्षिका अनीता ने किया। मुख्य अतिथि डा. श्रीप्रकाश मिश्र के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यमुनानगर पहुंचने पर प्रधानाचार्य सहित सभी शिक्षकों ने माल्यार्पण एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। गीता संवाद कार्यक्रम में रमेश कुमार, गौरव कुमार, धर्मपाल, अरुण कुमार, राजेश गौतम, गुरमीत सिंह, नरेश कुमार, सहित अनेक धार्मिक आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के गणमान्य जन उपस्थित रहे। राजकीय औद्योगिक संस्थान द्वारा मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यमुनानगर के सभी शिक्षकों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

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