अंतराष्ट्रीय श्रीमदभगवदगीता जयंती समारोह 2023 के उपलक्ष्य मे मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में अठारह दिवसीय विश्व मंगल महायज्ञ का शुभारम्भ
वैदिक ब्रम्हचारियों द्वारा गीता जन्मस्थली में शंखध्वनी से अंतराष्ट्रीय श्रीमदभगवदगीता जयंती समारोह 2023 का आगाज
कुरुक्षेत्र\श्रीमद्भगवद्गीता एक अलौकिक आध्यात्मिक ग्रन्थ है जिसमें नैतिक-नियम, ब्रह्म-विद्या, तत्व-विचार और योग शास्त्र निहित है। समस्त विश्व में गीता समस्त भारतीय दर्शन का निचोड़ मानी जाती है। श्रीमद्भगवद्गीता में कर्मशीलों का कर्त्तव्यबोध है, ज्ञानियों का ज्ञान है, योगियों का योग है, भक्तों की भक्ति है।गीता धर्म, नीतिशास्त्र एवं तत्वविज्ञान की व्याख्या करती है। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने अंतराष्ट्रीय श्रीमदभगवदगीता जयंती समारोह 2023 के उपलक्ष्य मे मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा गीता जन्मस्थली ज्योतिसर मे आयोजित अठारह दिवसीय विश्व मंगल महायज्ञ के शुभारम्भ अवसर पर व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ डा. श्रीप्रकाश मिश्र एवं वैदिक ब्रम्हचारियों द्वारा शंख ध्वनि से हुआ। गीता के प्रथम अध्याय के श्लोको से यज्ञ में आहुति देकर वैदिक ब्रम्हचारियों द्वारा लोक मंगल एवं विश्व मंगल की प्रार्थना की गई। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य अशोक रोशा सपत्निक मुख्य यज्ञमान रहे। समाजसेवी धर्मपाल सैनी विशिष्ट अतिथि रहे। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा श्रीमद्भगवद्गीता दुःख निवृत्ति और सुख-समृद्धि के मार्ग प्राप्त करने के साधन है। कर्म-अकर्म, जन्म-मरण, आत्मा-परमात्मा, धर्म-अधर्म, पाप-पुण्य, जय-पराजय, उतार-चढ़ाव आदि सम्पूर्ण तथ्यों का तात्विक विवेचन है। आत्मज्ञान, मनोविज्ञान, योग विज्ञान की साधना है, अज्ञान मुक्ति के उपाय एवं समाधान है। श्रीमद्भगवद्गीता पुरातन काल से वर्तमान तक एवं भविष्य में भी प्रासंगिक रहते हुए जनकल्याण के हेतु सदैव उपयोगी रहेगी।श्रीमद्भगवद्गीता का समस्त विश्व के सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक ग्रंथों में सर्वोच्च स्थान है।
डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा श्रीमदभगवद्गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो सदियों से अपने आध्यात्मिक ज्ञान से अज्ञान के अंधकार को दूर करके हमारे जीवन को प्रकाशित करता रहा है और हमारा मार्गदर्शन करता रहा है। यह हमें फल की कामना के बिना सदा कर्म करने के लिए प्रेरित करता है। वास्तव में गीता जीवन का एक संपूर्णदर्शन है जो हमारे जीवन को सार्थक और आध्यात्मिक रूप से सुखी बनाने का मार्ग दिखाता है। कार्यक्रम के संयोजक आचार्य नरेश कौशिक ने आभार ज्ञापन किया। संचालन वीरेंद्र गोलन ने किया। कार्यक्रम में तेलगू गीता की विद्वान विजयवाड़ा आंध्रप्रदेश से श्रीमती सच्चावती जी साहित अनेक प्रांतो के गीताप्रेमी एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे।