जिसका मन परमार्थ मे लगे वही संत हैं: राजन

राज्य

Girjesh Mishra

Devarya / सिद्ध पीठ बारीपुर मे चल रही राम कथा के तीसरे दिन सोमवार को राम जन्म की कथा सुनाई गई l
कथा मे राम जन्म उत्सव पर कथा वाचक संत राजन महराज के भजन, सोहर, राजा जी खजनवा दे द, रानी जी गहनवा दे द, इहे अरमनवा बा काने के अयरनवा दे द, पांव के पैजनिया दे द, कमर करधनिया दे द आदि सोहर, भजन सुन कर झूमने लगे श्रोता l
उन्होंने संत की व्याख्या करते हुये कहा कि जिसका मन परमार्थ मे लग जाय वही संत हैंl संत की कोई जाति नही होती है जिसके जीवन मे संतत्व उतर जाता हैl उसके साथ हर पल परमात्मा खड़े रहते हैl भगवान तीनों गुण सत, तम, रज, माया से परे है l त्रिगुणातीत इन्द्रियों से भी परे है l भगवान अकार है l अकार न हो तो वर्ण समाप्त हो जाय और भगवान न हो तो विश्व l पृथ्वी का भार हल्का करने के लिए निराकार ब्रह्म ने साकार रूप मे अवतार लिया था l
इस अवसर पर आयोजक पीठाधीश्वर शिवचरण दास, उत्तराधिकारी महंथ गोपाल दास, संतोष मिश्र, दीपा शंकर चौबे, नीरज वर्मा, राजन सिंह, चंद्रभूषण शाही, डॉ अजय मिश्रा, अरुण बरनवाल, अनिल मिश्र, डा. सौरभ श्रीवास्तव, श्रीनिकेत मिश्र, सहित हजारों लोग उपस्थित रहें l संचालन रवि प्रकाश मिश्रा छोटे ने कियाl

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