गीता अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर आत्मज्ञान से भीतर को रोशन करती है : महंत रोहित शास्त्री

राज्य

श्रीगीता जयंती 03 दिसंबर शनिवार को

जम्मू कश्मीर : मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को मोह भंग करने के लिए मोक्ष दायिनी भगवत गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन श्रीगीता-जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष गीता जयंती 03 दिसम्बर शनिवार सन् 2022 ई. को मनाई जाएगी,श्रीगीता- जयंती के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया द्वापर युग में मार्गशीर्ष महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि ही वह शुभ दिन था,जब श्रीकृष्ण भगवान ने अपने प्रिय शिष्य और फुफेरे भाई अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। तभी से इस तिथि को गीता एकादशी के रूप में मनाया जाता है। कुरुक्षेत्र की वह पावन भूमि, जहां स्वयं श्रीहरि के मुख से गीता के रूप में जीवन का ज्ञान प्रकट हुआ, वर्तमान समय में हरियाणा राज्य में है। गीता का ज्ञान मानव जीवन के लिए द्वापर युग में जितना आवश्यक था, उतना ही प्रभावी आज भी है।
गीता अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर आत्मज्ञान से भीतर को रोशन करती है। अज्ञान, दुख, मोह, क्रोध, काम, लोभ आदि से मुक्ति का मार्ग बताती है गीता मात्र एक ग्रंथ नहीं है, बल्कि वह अपने आप में एक संपूर्ण जीवन है,इसमें पुरुषार्थ व कर्तव्य के पालन की सीख है।

गीता के अध्ययन, श्रवण, मनन-चिंतन से जीवन में श्रेष्ठता का भाव आता है। लेकिन इसके संदेश में मात्र संदेश नहीं हैं बल्कि ये वो मूल मंत्र हैं जिन्हें हर कोई अपने जीवन में आत्मसात कर पूरी मानवता का कल्याण कर सकता है।

इस दिन अथवा प्रतिदिन गीता का पाठ करने एवं दान करने से भगवान विष्णु के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। ऐसे में व्यक्ति की आत्मा मृत्यु के पश्चात परमात्मा के स्वरूप में विलीन हो जाती है। अर्थात मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य)
अध्यक्ष श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट(पंजीकृत),रायपुर, ठठर जम्मू,पोस्ट आफिस रायपुर,पिन कोड 181123 संपर्कसूत्र :-9858293195,7006711011,9796293195,ईमेल.rohitshastri.shastri1@gmail.com.

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