देश की युवा पीढ़ी अपने जीवन में सेवा के महत्व को आत्मसात कर भारत को दुनिया का सिरमौर बना सकती है: डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र

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मातृभूमि सेवा मिशन एवं काइंड बीइंग्स,नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में सेवा का महत्व विषय पर आश्रम परिसर में आयोजित सेवा संवाद कार्यक्रम संपन्न

कुरुक्षेत्र।जीवन मूल्यों में संस्कारों का बड़ा महत्व है। ऐसा ही एक संस्कार है सेवा का भाव। नि: स्वार्थ भाव से यथासंभव जरूरतमंद की मदद करना, सेवा करना हमारे संस्कारों की पहचान कराता है। तन, मन और वचन से दूसरे की सेवा में तत्पर रहना स्वयं इतना बड़ा साधन है कि उसके रहते किसी अन्य साधन की आवश्यकता ही नहीं रहती। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने मातृभूमि सेवा मिशन एवं काइंड बीइंग्स,नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में सेवा का महत्व विषय पर आश्रम परिसर में आयोजित सेवा संवाद कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र,काइंड बीइंग्स,नई दिल्ली के संथापक अजय ठाकुर, उत्तर क्षेत्र प्रमुख सान्या बजाज एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विपुल कालड़ा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर मातृभूमि शिक्षा मंदिर के बच्चों ने राष्ट्रीय एवं सामाजिक चेतना से परिपूर्ण कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।

डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने सेवा संवाद कार्यक्रम में उपस्थित बच्चो एवं युवाओं को संबोधित करते हुए कहा वास्तव में समाज के सुंदर निर्माण और भविष्य में उन्नति के लिए बच्चे में सेवा-भाव का विकास करना अत्यंत आवश्यक है। इस सेवा-भाव को विकसित करने के लिए परिवार सबसे सुन्दर संस्था है।अभिभावकों का दायित्व है कि वह स्वयं बच्चों के सामने अपने आचरण से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करें जिसे देखकर बच्चों में सेवा भाव का संस्कार पैदा हो।

डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा नव समाज के हृदय के अंदर हमेशा सेवा भाव होना अति आवश्यक है सेवाभाव से जहा समाज के अंदर फैली कुरीतियां समाप्त होती हैं वही आपसी सौहार्द, अमन चैन शाति के साथ -साथ समाज का विकास भी होता है। हमे मानवता को भूलना नहीं चाहिए। मानव समाज में सबसे कमजोर दबे, कुचले, गरीबों और जरूरतमंदों लोगों की सेवा ही असली पूजा है। देश की युवा पीढ़ी अपने जीवन में सेवा के महत्व को आत्मसात कर भारत को दुनिया का सिरमौर बना सकती है। कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि काइंड बीइंग्स,नई दिल्ली के संस्थापक अजय ठाकुर ने कहा मातृभूमि सेवा मिशन के द्वारा समाज के जरूरतमंद बच्चों के सर्वागीण विकास के संचालित समस्त सेवा प्रकल्प अपने में अद्भुत है। यह आश्रम मानव निर्माण की प्रयोगशाला है। यह आश्रम के सेवा कार्य देखकर किसी भी व्यक्ति का मन सेवा की ओर आकर्षित होगा। यहां के बच्चो के संस्कार देखकर महसूस होता है की भारत का भविष्य सुरक्षित है। कार्यक्रम को सान्या बजाज एवं विपुल कालड़ा ने बतौर विशिष्ट अतिथि उद्बोधन देते हुए सेवा के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन काइंड बीइंग्स, कुरुक्षेत्र के संयोजक राघव गर्ग ने किया। आभार ज्ञापन जाह्नवी सैनी ने किया।

कार्यक्रम में उपस्थित अनेक युवाओं ने सेवा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। मातृभूमि सेवा मिशन की ओर से सभी अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेट किया गया। कार्यक्रम में समीर,वंशिका,ध्रुव,यश,हर्षित, भुवन, सुरभि, प्रथम आर्यन, शिल्पा सहित अनेक गणमान्य जन सहित अनेक सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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