पदभार ग्रहण करने पहुंचे निलंबित कुलपति को खाली हाथ लौटना पड़ा

उत्तराखंड

रुडकी । गुरुकुल कांगड़ी विवि में कुलपति का पदभार ग्रहण करने पहुंचे निलंबित कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री 2 घंटे विश्वविद्यालय में रुकने के बाद खाली हाथ लौट गए। प्रो. रूप किशोर शास्त्री आर्य प्रतिनिधि सभाओं की ओर से बनाए गए कुलाधिपति सुदर्शन शर्मा का पत्र लेकर पहुंचे थे। मौके पर मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट नूपुर वर्मा आदि अधिकारियों को जब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए गए तो निलंबित कुलपति को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। इस दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी भी निलंबित कुलपति के विरोध में एकजुट होना शुरू हो गए थे।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह ने आरोप लगने के बाद 20 अक्तूबर 2022 को रूप किशोर शास्त्री को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद यूजीसी की टीम ने कुलपति पर लगे आरोपों की जांच की थी। यूजीसी की जांच रिपोर्ट और यूजीसी के निर्देश पर कुलपति रूप किशोर शास्त्री को बीते 30 दिसंबर 2022 को बर्खास्त कर दिया था। जिसके बाद रूप किशोर शास्त्री ने कोर्ट की शरण ली थी। इसी बीच विश्वविद्यालय की प्रायोजक आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से सुदर्शन शर्मा को कुलाधिपति नियुक्त कर दिया था। बुधवार को निलंबित कुलपति रूप किशोर शास्त्री सभाओं की ओर से बनाए गए कुलाधिपति का पत्र लेकर कुलपति का पदभार ग्रहण करने पहुंचे। निलंबित कुलपति अपने साथ सिटी मजिस्ट्रेट नूपुर शर्मा और भारी पुलिस बल को लेकर पहुंचे थे।

वह करीब दोपहर 12:00 बजे विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में पहुंचे और कुलाधिपति का पत्र दिखाते हुए पदभार ग्रहण करने की बात कही। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर सुनील कुमार और कुलपति सोमदेव शतंशु ने रूप किशोर शास्त्री पर निलंबन आदि की कार्रवाई से जुड़े दस्तावेज अधिकारियों के सामने रखे। दस्तावेज देखने के बाद अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि प्रशासन का काम पदभार ग्रहण कराना नहीं है। पदभार ग्रहण करने के लिए प्रो. रूप किशोर शास्त्री कोर्ट आदि का शरण ले सकते हैं। जिसके बाद निलंबित कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री कर्मचारियों और शिक्षकों का विरोध देखते हुए वहां से चले गए।

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