हरिद्वार। उत्तराखंड में बीजेपी के शासन काल में सस्ती और रिरायती दरों पर लोगों के लिए खुलवाए गए भारत के प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर इन दिनों अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। इन औषधि केंद्रों पर कहीं आवश्यक दवाओं का टोटा है तो कहीं प्रतिबंधित दवाओं का अपार भंडार हैं। उत्तराखंड में पिछले दिनों मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक और सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया, यह अनोखा मामला कहीं ओर का नहीं बल्कि उत्तराखंड के अपने हरिद्वार जिले का है। हरिद्वार के ज्वालापुर में स्थित एक जन औषधि केंद्र की शिकायत मिलने पर देहरादून से आयी एसटीएफ टीम के द्वारा उस औषधि केंद्र पर छापेमारी की गई तो वहां पर कई प्रकार की प्रतिबंधित दवाईयों का होना पाया गया।

आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष हरिद्वार संजय सैनी ने कहा कि जन औषधि केंद्र पर प्रतिबंधित दवाओं का पाया जाना बड़ा ही निंदनीय है, इसलिए ऐसे किसी भी व्यक्ति को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए, जो जनता के बीच रहकर जनता को ही धोखा देकर उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने में लगे हुए हैं। जिला प्रवक्ता एवं जिलाध्यक्ष लीगल सेल अधिवक्ता सचिन बेदी ने कहा कि औषधि केंद्रों पर नकली और प्रतिबंधित दवाईयों का धंधा जोरों से फल फूल रहा है और दवा माफिया लोगों के स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर मोटा धन कमाने के उद्देश्य से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं और जो आवश्यक दवाएं है वह इन औषधि केंद्रों पर क्यों नहीं रखी जा रही हैं। जन औषधि केंद्र पर प्रतिबंधित दवाईयां का पाया जाना इस बात की ओर इशारा करता है कि वर्तमान सरकार को जनता की कितनी फिक्र है और जनता का धन किस प्रकार ऐंठा जाएं। यह लोगों के स्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ है।

सवाल यह उठता है कि सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे ऐसे औषधि केंद्र पर आखिर ऐसी दवाएं जो प्रतिबंधित है जन औषधि केंद्र पर कहां से आई? मेडिकल स्टोर पर इस प्रकार कि दवाओं को रखने की मुख्य वजह क्या है? क्या प्रतिबंधित दवाईयां लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने व लोगों के जान माल को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से औषधि केंद्र पर रखी जा रही है। इसके अतिरिक्त यदि उस औषधि केंद्र संचालक के पास इस तरह की दवाईयां रखने का कोई वैध लाइसेंस था तो उसने टीम को दिखाया क्यों नहीं? आवश्यक दवाएं औषधि केंद्रों पर क्यों नहीं रखी जा रही है? आम आदमी पार्टी इस प्रकार का कृत्यों करने वालों की घोर निंदा करती है तथा राज्य एवं केन्द्र सरकार से यह मांग करती हैं कि ऐसे लोगों के विरुद्ध जो जनता को धोखा देकर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर उनकी जान लेने पर तुले हुए हैं, उनके लाइसेंस निरस्त करते हुए उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।