दोनों वर्गों की 12 प्रतियोगिताओं में प्रथम आर.एन.आई. इंटर कॉलेज, द्वितीय बी.डी.इ.का भगवानपुर तथा सी.एम.डी.इ.का. चुडियाला तृतीय स्थान पर रहा।
भगवानपुर विकास खण्ड, हरिद्वार में संस्कृत महोत्सव (खण्डस्तरीय-संस्कृत-छात्र-प्रतियोगिता) का आयोजन आर.एन.आई.इण्टर कालेज भगवानपुर में दिनांक 15-16 अक्टूबर को किया गया, जिसमें दोनों वर्गों की 12 प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। इन 12 प्रतियोगिताओं में सर्वाधिक प्रतिभाग एवं विजेता की श्रेणी में आर.एन.आई.इ.का. रहा द्वितीय स्थान पर विजेता प्रतिभाग के रूप में बी.डी.इ.का. भगवानपुर तथा तृतीय विजेता प्रतिभाग के रूप में सी.एम.डी.इ.का. भगवानपुर रहा।
विदित हो कि द्वितीय दिवस में वरिष्ठ वर्ग की प्रतियोगिताओं में संस्कृतनाटक प्रतियोगिता में सी.एम.डी.इ.का. चुडियाला, संस्कृत समूहगान प्रतियोगिता में बी.डी.इ.का. भगवानपुर, संस्कृत समूह नृत्य प्रतियोगिता में बी.डी.इ.का. भगवानपुर, वादविवाद प्रतियोगिता में आर.ओ.जी.डिग्री कालेज भगवानपुर, आशुभाषण में आर.एन.आई. इ.का. भगवानपुर तथा श्लोकोच्चारण में आर.एन.आई.इ.का. भगवानपुर प्रथम रहे। उक्त सभी विद्यालय जनपदस्तरीय प्रतियोगिताओं में भगवानपुर विकासखण्ड का प्रतिनिधित्व 13-14नवम्बर को करेंगे।
इस खण्डस्तरीय संस्कृत महोत्सव में क्षेत्र के सभी विद्यालयों के छात्र-छात्रा, शिक्षकवर्ग, प्रधानाचार्य एवं प्रबुद्ध वर्ग संस्कृतानुरागी उपस्थित रहे। समापन कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रशासनिक अधिकारी भगवानपुर खण्ड से श्री प्रभुप्रसाद लखेड़ा जी ने संस्कृत श्लोकों के माध्यम से प्रतिभागियों को आशीर्वाद व बधाई प्रदान की। कार्यक्रम के मध्य में श्री सुरेन्द्र कुमार जी (अधिशासी अधिकारी) ने कहा कि प्रतिभागियों को सूर्य से शिक्षा लेनी चाहिए जो उगते हुए और डूबते हुए दोनों परिस्थितियों एक समान वर्ण का होता है। मुख्य अतिथि के रूप में संस्कार भारती के प्रदेश दायित्वधारी एवं स्वामी विवेवकानन्द इ.का. रुड़की के निदेशक डॉ. राजकुमार उपाध्याय जी ने सभी प्रतिभागियों के प्रतिभाग की सराहना करते हुए विजेता प्रतिभागियों जनपद स्तर पर श्रेष्ठता की शुभकामनाएं एवं अग्रिम बधाई प्रेषित करते हुए कहा कि विजय हुई विश्राम न समझो। तहसीलदार श्री हरिदत्त उनियाल जी ने प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा स्थान प्राप्ति नहीं अपितु सहभागिता प्रमुख उद्देश्य है, संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है इसके संरक्षण में इस तरह के कार्यक्रम अधिक से अधिक होने चाहिए। अन्त में प्रधानाचार्य श्री अशोक कुमार शर्मा जी एवं कार्यक्रम संयोजक श्रीमती उर्वशी पंवार, डॉ. सारिका सैनी, श्रीमती गीता बंसल ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सात से अधिक नेशनल अवार्ड प्राप्त श्री रमेश भटेजा जी ने भी स्वच्छता का संदेश देते हुए प्रतिभागियों को उच्चारण सम्बन्धित(वाचिक) स्वच्छता का ध्यान रखने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विजय कुमार त्यागी ने करते हुए संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए जन्मदिन वैवाहिक वर्षगाँठ आदि कार्यक्रमों में संस्कृत सुभाषितों के माध्यम से शुभकामनाएं एवं बधाई देने की अपील की।
इस अवसर पर समस्त आयोजक विद्यालय परिवार के साथ निर्णायक मण्डल के रूप में डॉ. अतुल चमोला, श्री रामेश्वरप्रसाद, श्रीमती कल्पना सैनी, श्री प्रीतम सिंह, श्री ऋषिपाल सैनी, श्री विश्वास कुमार, श्रीमती पुष्पा, श्री भवेश, श्री आलोक कण्डवाल, श्री राजेश आर्य, श्री ललित गर्ग, श्री सचिन सैनी, श्री मांगेराम, श्रीमती शर्मिला नागर, श्रीमती आराधना बिष्ट, श्रीमती पूनम, श्रीमती मनीषा, श्रीमती विनिता, श्री अनिकेत सैनी आदि विद्वान् एवं संस्कृतानुरागी उपस्थित रहे तथा कार्यक्रम को सफलता में विशेष सहयोग किया। कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा शान्तिपाठ के साथ श्री अशोक कुमार शर्मा जी ने की।