राज्यपाल ने किया वीरता पुरस्कार विजेताओं का सम्मान
देहरादून \ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को RIMC देहरादून में उत्तराखण्ड सब एरिया मुख्यालय द्वारा आयोजित वीरता पुरस्कार विजेता सम्मान समारोह में बतौर अतिथि प्रतिभाग कर शहीद सैनिकों के परिजनों व पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। इसके अलावा राज्यपाल ने छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और कार्यक्रम में मौजूद जवानों, छात्रों, शहीद सैनिकों के परिजनों व पूर्व सैनिकों से विस्तृत बातचीत भी की।
कार्यक्रम में संबोधन के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि आज का दिन बेहद भावुकता और गर्व का दिन है। उन्होंने कहा कि देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर योद्धाओं की वीरांगनाओं को देखकर मन वीरता और गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं का राष्ट्र निर्माण के लिए जो समर्पण है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
राजपाल ने कहा कि वीर योद्धाओं को सम्मान देने में दिल से खुशी होती है, उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी सौभाग्य की बात यह है कि यह कार्यक्रम ऐसे स्थान पर हो रहा है जिस स्थान से देश को पहला परमवीर चक्र विजेता हासिल वीर योद्धा निकाला है।
वीर भूमि है उत्तराखण्ड
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की भूमि है और यह बड़े सौभाग्य की बात है कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर हम सब यहां मौजूद हैं। राज्यपाल ने कहा कि हमारा धर्म है कि हम वीरों के प्रति आभार, प्रशंसा और धन्यवाद ज्ञापित करें। राज्यपाल ने गलवान घाटी के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि गलवान घाटी में भारत के 20 वीर सपूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया जोकि शौर्य, वीरता और पराक्रम को दर्शाता है। राज्यपाल ने कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के मौक़े पर वीर जवानों व उनके परिजनों को सम्मानित करना प्रशंसनीय कार्य है।
राज्यपाल ने कहा कि हम सब पूर्व सैनिक के रूप में एक परिवार हैं, हमारा कर्तव्य है कि हम एक दूसरे की मदद करते रहें। उन्होंने कहा कि सेना, सैनिक और सैनिकों के परिवारजन मेरे सबसे अधिक करीब हैं और सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। उन्होंने कहा जीवन के चालीस वर्ष सेना में बिताये हैं, इसलिए सेना, सैनिक और सैनिकों के हर बात और जज्बातों से वे वाकिफ हैं, यही कारण है कि सेना, सैनिक और सैनिक परिवार को अपना अहम हिस्सा मानता हूँ।
पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं का डाटा बेस हो तैयार
राज्यपाल ने सब एरिया मुख्यालय के अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि उत्तराखंड सैनिक कल्याण बोर्ड की भांति वे भी सभी पूर्व सैनिक, वीरांगनाओं और शहीदों के परिजनों की जानकारी एकत्र कर एक डाटाबेस तैयार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रदेश के सैनिकों एवं वीर नारियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही हैं और सैनिकों के सम्मान को अत्यधिक महत्व दिया है।
इस दौरान IMA कमांडेंट ले ज हरेन्दर सिंह,उत्तराखण्ड सब एरिया मुख्यालय के डिप्टी जीओसी ब्रिगे. अनिरवान दत्ता, NCC के वरिष्ठ अधिकारी व RIMC के छात्र, पूर्व सैनिक एवं शहीद जवानों के परिजन मौजूद रहे।