उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की द्विदिवसीय राज्य स्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिताओं का हुआ शुभारंभ

हरिद्वार उत्तराखंड यूथ

संस्कृत में सभी को समेटने वाली संस्कृति व सर्वोत्तम संस्कार है: शास्त्री

संस्कृत भारत की समृद्धि इसने देश और दुनिया को शांति का मंत्र प्रदान किया: खाली 

हरिद्वार। मंगलवार को उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार द्वारा राज्य स्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिताएं महाजन भवन भूपतवाला हरिद्वार में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश चंद्र शास्त्री,कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार, उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के सचिव श्री शिव प्रसाद खाली, वित्त अधिकारी श्री सत्येंद्र डबराल संस्कृत सहायक निदेशक डा. वाजश्रवा आर्य, संस्कृत भारती के उत्तराखंड प्रांत मंत्री श्री गिरीश तिवारी के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ संस्कृत प्रतियोगिताओं का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दिनेश चंद्र शास्त्री ने कहा कि ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ना होता है यह प्रत्येक व्यक्ति की आकांक्षा होती है । सभी जनपदों से आए हुए बच्चे प्रतिस्पर्धा को हमेेशा बनाए रखें। संस्कृत साहित्य ऐसा साहित्य है जो सभी को समेटने वाली संस्कृति है संस्कृत में सर्वोत्तम संस्कार है। छात्रों में ईर्ष्या न हो क्योंकि ईर्ष्या हमेशा विघटनकारी होती है जैसा आज संसार में दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्व को वसुधैव कुटुम्बकं सिखाती है

उद्घाटन के इस अवसर पर संस्कृत अकादमी के सचिव श्री शिवप्रसाद खाली ने कहा कि आज बहुत क्षेत्र के लोग संस्कृत की ओर आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि संस्कृत भारत की समृद्धि रही है इसने देश और दुनिया को शांति का मंत्र प्रदान किया है एकता की भावना सिखाई है सबको साथ ले चलने की शक्ति प्रदर्शित की। उन्होंने ने कहा कि समय बहुत महत्वपूर्ण है जिसके अनुसार सारा समय चक्र चलता है हमें संस्कारों के साथ संस्कृति के साथ समय का पालन अवश्य करना चाहिए ।

कनिष्ठवर्ग के संस्कृतप्रतियोगिताओं में सर्वप्रथम आशुभाषण में 13 जनपदो के प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति दी जिसका संचालन कुलदीपमैन्दोला तथा समन्वयन रोशनबलूनी के द्वारा किया गया। विभिन्न संस्कृत प्रतियोगिताओं का संचालन चन्द्र प्रकाश उप्रैती , डा अतुल चमोला , दामोदर परगांई , प्रकाशचन्द्रजोशी , नवीनजशोला ,डॉ. ओमप्रकाश भट्ट, डॉ. जगदीश पांडे, डॉ. अजीत पवार, गिरीश चंद्र तिवारी, जगदीश पांडे, डॉ.भोला झा, डा. संजीव, डॉ. प्रकाश चंद्र जोशी , महीधर प्रसाद सती डा. दामोदर परगांई डॉ. अतुल कुमार चमोला आदि के द्वारा की गयी ।

प्रतियोगिताओं के महत्वपूर्ण निर्णायक भूमिका में डॉ ओमप्रकाश भट्ट, अजीत पवार, डॉ. शैलेश कुमार तिवारी, मुकेश कुमार, डॉ. राजेश शर्मा , डॉ. वाजश्रवा आर्य, डा. भारत नंदन चौबे, डॉ संजीव कुमार, डॉ. हरि गोपाल शास्त्री डा. दामोदर परगांई, डॉ. विजयलक्ष्मी, डॉ. मनोज किशोर पन्त डॉ. प्रिया पांडे आदि रहे ।

प्रथम दिवस के अवसर पर संस्कृत समूह नृत्य प्रतियोगिता कनिष्ठ वर्ग तथा वरिष्ठ वर्ग संस्कृत नाटक प्रतियोगिता एवं संस्कृतसमूहनृत्य कनिष्ठवर्ग संस्कृत समूह नृत्य प्रतियोगिता एवं कनिष्ठवर्ग आशुभाषण प्रतियोगिता और संस्कृत आशुभाषणप्रतियोगिता वरिष्ठ वर्ग, संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता कनिष्ठ वर्ग, संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता वरिष्ठ वर्ग में आयोजित की गई।

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