लम्पी त्वचा रोग का पारंपरिक पद्धति द्वारा जानिए उपचार एवं औषधि तैयार करने की विधि

हरिद्वार उत्तराखंड

हरिद्वार। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा0 योगेश कुमार शर्मा ने अवगत कराया कि पशुओं में लम्पी रिकन रोग की रोकथाम/निगरानी हेतु टोल फ्री नं0 18001208862 पर सम्पर्क करें।
गौवंश में लम्पी स्किन रोग/गायों में गांठदार त्वचा रोग
लम्पी स्किन रोग अथवा गांठदार त्वचा रोग गौवंशीय एवं भैसवंशीय पशुओं का एक संक्रामक रोग है जो केप्रीपॉक्स विषाणु के कारण होता है। यह रोग पशुओं से इंसानों में नहीं होता है।
रोग के लक्षण-
तेज बुखार, पशु के शरीर पर गाठें पड़ना, पशु के वजन में कमी, भूख न लगना, दूध उत्पादन में कमी, गले की झालर एंव पैरों में सूजन आना, पशुओं के नाक व मुँह से अधिक रिसाव आना, पशुओं की आखें लाल होना व आखों से पानी आना।
बचाव ही उपचार हैं, इसके लिये सावधानी बरते-
पशु में रोग के आरंभिक लक्षण दिखाई देते ही उसे अन्य स्वस्थ पशुओं से तुरंत अलग कर दें।
रोग ग्रस्त क्षेत्रों में पशुओं का आवागमन नहीं करें।
पशु आवास के नजदीक पानी मल मूत्र एवं गंदगी एकत्र नहीं होने दें।
पशुओं के बाड़े में मच्छर काटने वाली मक्खी, जूं, चींचड़े एवं मक्खियों आदि रोगवाहकों का नियंत्रण करें।
पशु आवास एवं उसके आस-पास साफ-सफाई एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
रोगी पशु की मृत्यु हो जाने पर उसे स्थानीय प्रशासन के सहयोग से शीघ्र 1.5 मीटर गहरे गड्ढे में चूना एवं नमक डालकर गाढ दे।
सभी स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण अवश्य करवायें।
पारंपरिक पद्धति द्वारा लम्पी त्वचा रोग का उपचार-
खिलाए जाने वाला मिश्रण (न्यूनतम एक घंटे के अंतराल पर बारी-बारी खिलाएं) सामग्री (एक खुराक के लिए)
पान का पत्ता- 10 पत्ते, काली मिर्च- 10 ग्राम, नमक- 10 ग्राम गुड आवश्यकतानुसार तैयार करने की विधिः
ऊपर लिखी गई सामग्री को पीस कर पेस्ट बना लें और गुड मिला दें।
इस तैयार मिश्रण को अपने पशुओ को थोडी-थोडी मात्रा में खिलाएं।
पहले दिन इसकी एक खुराक हर 3 घंटे पर पशु को खिलाएं।
दूसरे दिन से दो सप्ताह तक पशु को दिनभर में तीन खुराक दें।
प्रत्येक खुराक ताजा तैयार करें।
घाव पर लगाए जाने वाला मिश्रण- (यदि घाव है तो) सामग्री कुप्पी का पत्ता-1 मुट्ठी, लहसून- 10 कलियों, नीम का पत्ता- 1 मुट्ठी, नारियल का तेल- 500 मि०ली०, हल्दी पाउडर- 20 ग्राम, मेंहदी का पत्ता- 1 मुट्ठी, तुलसी का पत्ता- 1 मुट्ठी।
तैयार करने की विधि-
ऊपर लिखी गई सामग्री को पीस कर पेस्ट बना लें तत्पश्रचात इसमें 500 मि0ली० नारियल का तेल मिलाकर उबालें और ठंडा कर ले।
लगाने की विधि-
घाव को अच्छी तरह साफ करने के बाद इस मिक्षण को सीधे घाव पर लगाएं। उपचार हेतु सभी सम्मानित पशु पालकों से अपील की है कि वह निकटतम राजकीय पशु औषधालयों में सम्पर्क करें। पशुपालन विभाग हरिद्वार द्वारा 12000 संक्रमित गौवंश पशुओं का उपचार किया जा चुका है। जनपद हरिद्वार में गौवंश में लम्पी स्किन रोग से बचाव हेतु पशुपालन विभाग की 47 टीमों द्वारा सभी विकास खण्डों में 73000 गौवंश पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है तथा पर्याप्त मात्रा में रोग की रोकथाम हेतु टीके उपलब्ध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *