कुंभनगर, प्रयागराज। मौनी अमावस्या के मौके पर संगम तट पर भगदड़ मच गई। हादसे में कई श्रद्धालुओं के मरने की बात सामने आ रही है। हालांकि मेला प्राधिकरण की ओएसडी आकांक्षा राणा ने आधिकारिक तौर पर किसी भी मौत की पुष्टि नहीं की है। बचाव कार्य के लिए एंबुलेंस की दो दर्जन से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं। मेले में भारी भीड़ उमड़ी है। 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। एंबुलेंस की गाड़ियों को मरीजों को अस्पताल तक लाने में काफी दिक्कत हो रही है। सभी सड़कों पर भीड़ ही नजर आ रही है। घायलों की संख्या 200 के पार हो सकती है।
बताया जा रहा है कि स्नान घाट के पास भीड़ में बेचौनी के चलते कुछ महिलाएं बेहोश होकर गिर गईं। इसके बात मची अफवाह के बाद लोग एक दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे। सूचना पाकर दो दर्जन से अधिक एंबुलेंस की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। घायलों को महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तमाम आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए हैं।
संगम तट पर भगदड़ की घटना के बाद सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान करने से मना कर दिया है। सभी अखाड़े रास्ते से ही अपनी छावनी में वापस लौट गए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी ने कहा हादसे के बाद अखाड़े अमृत स्नान नहीं करेंगे। मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ और भगदड़ की घटना के चलते सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान न करने का ऐलान किया है। यह ऐलान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र गिरी ने निरंजन छावनी से किया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ है और भगदड़ की घटना सामने आई है उससे अखाड़े ने स्नान न करने का फैसला लिया है। अखाड़े के वहां जाने से स्थिति और भी बिगड़ सकती थी।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के एलान के बाद महानिर्वाणी अखाड़ा अपना जुलूस बीच रास्ते से ही वापस लेकर छावनी लौट आया वहीं जूना अखाड़े ने भी अपना जुलूस छावनी में वापस बुला लिया। हादसे की सूचना मिलने के बाद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरि भी साथ छावनी पहुंचे। संगम तट के पास मची भगदड़ और घटना से जुड़ी जानकारी के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री योगी से बात की है। प्रधानमंत्री ने घटनाक्रम की समीक्षा की तथा तत्काल सहायता उपाय करने का आह्वान किया।