*श्रावण मासिक शिवरात्रि व्रत 02 अगस्त शुक्रवार
*अपनी राशि के अनुसार शिव पूजा,दान एवं मंत्र जाप करें*
*शिव की आराधना इच्छा-शक्ति को मजबूत करती है और अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है।*
ज्योतिष शास्त्र के दृष्टिकोण से चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं धर्मग्रंथों के अनुसार फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती जी का विवाह हुआ था, मान्यता यह भी है कि इसी दिन भगवान शिव ने साकार रूप धारण किया था,तभी से हर माह की इस तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है,श्रावण मासिक शिवरात्रि पर्व के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष (ज्योतिषाचार्य) महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि प्रथम (शुद्ध) श्रावण मासिक शिवरात्रि सन् 2024 ई. 02 अगस्त शुक्रवार को मनाई जाएगी। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त शुक्रवार दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और 03 अगस्त दोपहर 03 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। रात्रि मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 02 अगस्त शुक्रवार को प्राप्त हो रहा है, इसलिए मासिक शिवरात्रि 02 अगस्त शुक्रवार को ही मनाई जाएगी।
सावन शिवरात्रि 2024 पूजा शुभ मुहूर्त
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 07:10 पीएम से 09:48 पीएम
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – 09:48 पीएम से 12:26 एएम,
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 12:26 एएम से 03:07 एएम (3 अगस्त)
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 03:05 एएम से 05:45 एएम (3 अगस्त)
निशिता काल पूजा समय – 12:05 एएम से 12:48 एएम (3 अगस्त)
सावन शिवरात्रि पारण समय – 3 अगस्त को सुबह 5 बजकर 42 मिनट से दोपहर 3 बजकर 47 मिनट तक
व्रत पारण के बाद ब्राह्मणों एवं जरूरतमंद लोगों दान आदि भी करना चाहिए। श्रावण मास भगवान शिव को बहुत प्रिय है इस लिए श्रावण मासिक शिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है। श्रावण मासिक शिवरात्रि कई गुना फल प्रदान करने वाली तिथि मानी गई है। इस दिन शिव पूजन एवं व्रत करने से अविवाहित महिलाओं को सुयोग्य वर मिलता है,जिन लड़को को भी विवाह में विलंब हो रहा हो वह भी इस दिन व्रत एवं पूजन करें उनकी भी मनोकामना जल्द पूरी होती है,मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से दंपत्तियों का जीवन सुखमय और आनंदमय होता है और जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। शिवरात्रि का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं । शिव पूजा सभी पापों का क्षय करने वाली है। मास शिवरात्रि के दिन शिवपूजन शिवपुराण,रुद्राभिषेक,शिव कथा, शिव स्तोत्रों व “ॐ नम: शिवाय” का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं ।
पूजन विधि :-
इस दिन सुबह से ही शिव मंदिरों में शिव भक्त जुटने लगते हैं। विधिपूर्वक व्रत रखने पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, फूल, शुद्ध वस्त्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, नैवेध, चंदन का लेप, ऋतुफल , आक धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग को अर्पित किये जाते है।
मासिक शिवरात्री के व्रत को रखने वालों को उपवास के पूरे दिन भगवान शिव शंकर का ध्यान करना चाहिए। प्रात: स्नान करने के बाद भस्म का तिलक कर रुद्राक्ष की माला धारण की जाती है। शिव की अराधना इच्छा-शक्ति को मजबूत करती है और अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है। इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि भोलेनाथ पर चढ़ाया गया प्रसाद न खाएं,अगर शिव की मूर्ति के पास शालीग्राम हो,तो प्रसाद खाने में कोई दोष नहीं होता।
*राशि अनुसार शिव पूजा* :-
महाशिवरात्रि,मासिक शिवरात्रि,प्रतिदिन या प्रत्येक सोमवार को करने से समस्त शिव भक्तो को उत्तम लाभ और संतोष की प्राप्ति होगी ।
*मेष राशि*
मेष राशि के शिव भक्त के जल में गुड़,गन्ने का रस अथवा शहद मिलाकर भोले का अभिषेक करें , अभिषेक के बाद लाल चंदन से शिवलिंग पर तिलक करें और लाल चंदन से यथासंभव बेलपत्र पर ॐ नमः शिवाय लिख कर बेलपत्र शिव को अर्पित करें साथ में लाल पुष्प भी और ॐ नमः शिवाय का जप करें 11 ब्राह्मणों को शिवपुराण दान दे।
*वृष राशि*
वृष राशि – इस राशि के शिव भक्त गाय के दूध ,दही से शिव का अभिषेक करें,इसके अलावा भगवान शिव जी को चावल, सफेद चंदन, सफेद आक,सफेद वस्त्र
और चमेली फूल भी चढ़ाने चाहिए और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। वेदपाठी 11 ब्राह्मणों को रूद्राक्ष माला दान करें।
*मिथुन राशि*
मिथुन राशि -इस राशि के शिव भक्त भगवान शिव को गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें,भगवान शिव को बेल पत्र शमी पत्र के अलावा साबुत हरे मूंग,भाँग, दूर्वा और कुश भी अर्पित करें।इस राशि के शिव भक्त शिव चालीसा का पाठ करें एवं 11शिव चालीसा शिव मंदिर में चढ़ाये।
*कर्क राशि*
कर्क राशि के शिव भक्त भोलेनाथ शिव का दूध, दही और देसी घी से अभिषेक करें और सफेद चन्दन से तिलक लगाते हुए साबुत अक्षत,सफेद गुलाब का फूल और शंखपुष्पी भी चढ़ावें। शिवाष्टक के 11 पाठ करें साथ में शिव भक्तों को सफेद वस्त्र दान करें।
*सिंह राशि*
सिंह राशि के शिव भक्त जल में गुड़,लाल चंदन और शहद डाल कर भगवान शिव का अभिषेक करें।लाल पुष्प, लाल चंदन का तिलक भगवान शिव को लगाये। गुड़ और चावल से बनी खीर शिव मंदिर में प्रसाद बांट दें,शिव महिम्न स्तोत्र के पाठ करें। कमलगट्टे की 11 माला दान करें।
*कन्या राशि*
कन्या राशि के शिव भक्तों को गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें,भोलेनाथ जी को पान बेल पत्र, धतूरा, भांग एवं दुर्वा चढ़ाएं। शिव पुराण की कथा का वाचन करे या सुने।
*तुला राशि*
तुला राशि के शिव भक्त चमेली के तेल,दही, ईत्र, घी, दूध से शिव का अभिषेक करें,सफेद चंदन का तिलक लगाएं, सफेद वस्त्र दान करें मिश्री और खीर का प्रसाद भगवान शिव जी को चढ़ाएं एवं शिव मंदिर में दान करें,शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करें।
*वृश्चिक राशि*
वृश्चिक राशि के शिव भक्त जल में गुड़़,लाल चंदन और शहद मिलाकर और पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें,केसर एवं लाल पुष्प भगवान शिव को अर्पित करें, लाल हलवे का भोग लगाएं एवं दान करें। भगवान शिव के 1000 नामों का स्मरण रहे।
*धनु राशि*
धनु राशि के शिव भक्त दूध में केसर, हल्दी एवं शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करे।केसर,पीले चन्दन का तिलक लगाते हुए पीले गेंदे के फूलो की माला अर्पित करें। शिवमंदिर में पीले रंग के वस्त्र दान करें। शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ करें।
*मकर राशि*
मकर राशि के शिव भक्त के जल में दूध या गेहूं मिला कर शिव पर अर्पित करें,तिल के तेल नीले पुष्प भोले नाथ जी को अर्पित करें, शिव मंदिर में नीले वस्त्र दान करें,भगवान शिव के 108 नामों का स्मरण करें।
*कुम्भ राशि*
कुम्भ राशि के शिव भक्त नारियल के पानी या तिल के तेल से रुद्राभिषेक करें,शमी वृक्ष के पुष्प भगवान शिव को अर्पित करे,शिवाष्टक का पाठ करें।
*मीन राशि*
मीन राशि के शिव भक्त केसर मिश्रित जल से जलाभिषेक करना चाहिए। शिव जी की पूजा पंचामृत, दही, दूध और पीले पुष्प से करनी चाहिए। ॐ नमः शिवाय का जाप करे। शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ रहेगा।
*ॐ जय शिव ओंकारा॥*
*महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) प्रधान श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट(पंजीकृत) रायपुर ठठर जम्मू कश्मीर। संपर्कसूत्र 9858293195,7006711011,9796293195.ईमेल :rohitshastri.shastri1@gmail.com*