श्रीमदभगवदगीता न केवल हमें आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती कि बल्कि भौतिक संसार में जीवन प्रबंधन के समस्त सूत्र भी प्रदान करती है – डा. श्रीप्रकाश मिश्र

धर्म राज्य

अंतर्राष्ट्रीय श्रीमदभगवदगीता जयंती समारोह-2024 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र द्वाराआयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम के पंद्रहवे दिवस गीता में जीवन प्रबंधन विषय पर गीता संवाद कार्यक्रम संपन्न

कुरुक्षेत्र\वेदों का सारभूत श्रीमद्भगवद्गीता हमारे जीवन का मार्ग निर्देशक है। गीता एक व्यावहारिक मनोविज्ञान कि, जो हमें जीवन रूपी संग्राम में विजय प्राप्त करने हेतु वास्तविक ज्ञान का उपदेश देता है। आधुनिक प्रबंधन के सभी सिद्धांत ,अंतर्दृष्टि, नेतृत्व, प्रेरणा, कार्यकुशलता, लक्ष्य की प्राप्ति एवं निर्णय लेने की क्षमता सहित सभी बातों का प्रतिपादन गीता में हुआ है। यह विचार अंतर्राष्ट्रीय श्रीमदभगवदगीता जयंती समारोह-2024 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र द्वाराआयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम के पंद्रहवे दिवस गीता में जीवन प्रबंधन विषय पर आयोजित गीता संवाद कार्यक्रम में मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। कार्यक्रम की ध्यक्षता शिक्षाविद जयगोपाल वर्मा ने किया। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा
श्रीमद्भगवद्गीता हमें संदेश प्रदान करती है कि जीवन में द्वंद्व व दिग्भ्रम आना स्वाभाविक है किंतु अपनी स्थिति को स्वीकार ना कर समाधान के प्रति अनुरक्त न होना जड़ता है। समतापूर्ण समावेशी विकास गीता के चिंतन का आधार है। श्रीमदभगवद गीता हमेशा व्यक्ति के अपने कर्तव्य और स्वधर्म के बारे में बात करती है। गीता के अनुसार सभी कार्य लक्ष्य उन्मुख होने चाहिए और उन कार्यों को धर्म के साथ मजबूत किया जाना चाहिए। व्यवसाय और पेशे में नैतिकता और मूल्य होने चाहिए।श्रीमदभगवदगीता का संदेश है कि मानव जाति को एक दूसरे की सेवा भगवान की सेवा के रूप में करनी चाहिये। श्रीमदभगवदगीता न केवल हमें आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती कि बल्कि भौतिक संसार में जीवन प्रबंधन के समस्त सूत्र भी प्रदान करती है। गीता विज्ञान, भौतिक विज्ञान और आध्यात्मिक विज्ञान है। भगवद्गीता हमें भौतिक और आध्यात्मिक दोनो प्रकार से जीवन प्रबंधन सिखाती है। गीता संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने गीता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।आश्रम की ओर से अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट किये गये। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका श्रीमती सुमन ने किया। कार्यक्रम में सुरेंद्र सिंह, अशोक वर्मा, अदिति सहित आश्रम के विद्यार्थी, सदस्य आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र से हुआ।

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