भक्तों की रक्षा की गारंटी देते है श्रीमन नारायण: डॉ. मनमोहन मिश्र

धर्म

वैतालपुर, क्षेत्र के जमुना गांव में चल रहे श्रीमद भागवत ज्ञान सप्ताह यज्ञ के दूसरे दिन कथा श्रवण कराते कथा व्यास डॉ मनमोहन मिश्र ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के रक्षा के लिए दृढ प्रतिज्ञ है l उन्होंने कहा कि भगावत महापुराण किसी धार्मिक पुस्तक का नाम नही है l यह साक्षात् भगवान कि शब्द मयी विग्रह है l
भगवान श्री कृष्ण अपने परमधाम श्री गोलोक जाने से पहले अपना प्रकाश रूप प्रकट करके श्रीमद्भागवत महापुराण ग्रंथ में प्रवेश कर गए हैं। यह साक्षात भगवान ही हैं। इसकी पूजा, सेवा हमें भगवान की तरह ही करनी चाहिए। श्रीमद्भागवत महापुराण सर्व शास्त्र शिरोमणि है।
जब हरिद्वार में आनंद घाट पर नारद ने ज्ञान वैराग्य के कल्याण के लिए कथा का आयोजन किया तो उस समय भू लोक के, देवलोक के, ब्रह्मलोक के वासी दौड़- दौड़ कर आने लगे। आचार्य ने अम्बरीष वैवस्वत मनु के प्रपौत्र और राजर्षि नाभाग के पुत्र कि कथा का वर्णन करते हुए बताया कि सात द्वीप वाले पृथ्वी के स्वामी होने के वावजूद उनका भोग के प्रति आसक्ति नही थी l एक बार उनकी पत्नी भगवान विष्णु क़ो प्रसन्न करने के लिए एकादशी ब्रत का नियम लिया व्रत पूरा होने पर द्वादशी के दिन पारण करने के लिए बैठे तो उसी समय वहां ब्राह्मण शिरोमणि दूर्वासा आ गये तब राजा ने उनसे भोजन का प्रार्थना किया जिसे स्वीकार कर महर्षि यमुना स्नान करने चले गए l इधर द्वादशी घड़ी में केवल एक घड़ी शेष देख व्रत भंग न होने के विचार से भगवान के चरणामृत से वह पारण कर लिए ज़ब यह जानकारी ऋषि दूर्वाषा क़ो हुई तो वह क्रोधित होकर अपने सिर से एक बाल निकाल कर कृत्या नाम कि राक्षसी पैदा किया जो राजा अम्बरीष क़ो मारने के लिए दौड़ी जिसका बध भगवान विष्णु ने अपने चक्र सुदर्शन से उसका बध किया और दूर्वाषा के तरफ दौड़ पड़ा जिससे बचने के लिए महर्षि सभी देवताओं के पास गए अंत में भगवान विष्णु ने उन्हें अपने भक्त के पास भेज उनका रक्षा किया l इस दौरान मुख्य यजमान आशा देवी मारकंडेय मणि के अलावा दर्जनों लोग उपस्थित रहे l

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *