परमात्मा की शरण में रहने से मानव जगत का कल्याण संभव प्रेम भूषण
देवरिया, बैतालपुर क्षेत्र के खीरहा गांव में स्धपित श्रीधाम मंदिर के पांचवे वार्षिकोत्सव समारोह में श्रीधाम फाउंडेशन द्वारा आयोजित हरिहरातमक महा यज्ञ के चौथे दिन श्रोताओं
को रामकथा का रसपान कराते हुए प्रख्यात मानस मर्मज्ञ प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि मनुष्य को हमेशा भगवान की शरण में होना चाहिए. भगवान की शरण में रहने से ही मानव जगत का कल्याण है। श्री राम कथा, व्यास पीठ का पुजन आरती मुख्य यजमान राहुल मणि त्रिपाठी, चंद्रभाल मणि त्रिपाठी, चंद्रचूड़ मणि सपत्नीक, मंजू देवी द्वारा सम्पन्न कराने के बाद शुरू की गई.।
प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि, भगवान कथा जीव को ऊर्ध्व करती है । जितनी बार कथा सुनेंगे उसके भाव अलग अलग होंगे , रामचरित मानस के रचना को गोस्वामी तुलसी दास ने अपनी रचना नही स्वयं शिव की रचना बताया है।उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई का उल्लेख, रामभगति जह जहांसुरसरि धारा । सरसई ब्रह्मा विचार प्रचारा।। करते हुए कहा कि भगवान राम की भक्ति सरयू की धारा जैसी है।
आगे यागवल्क, भरद्वाज, प्रसंग को कहते हुए भावविभोर हुए महराज श्री को देख श्रोताओं के आंखो से प्रेमाश्रु छलक पड़ा।
कथा को विस्तार देते हुए उन्होने कहा कि मनुष्य को सदैव ईश्वर की शरण में रहना चाहिए. प्रभु ने जो भी कुछ उसे दिया है, उसे उसी में संतुष्ट रहना चाहिए।
प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि भगवान के शरण में रहने से ही मानव जगत का कल्याण है. महाराज ने प्रभु श्रीराम के शुभ विवाह उपरांत अयोध्या आगमन से लेकर वन जाने तक की कथा भक्तों को श्रवण कराई. उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम जो स्वयं जगत के पालनहार हैं, जगत के रचयिता हैं, वे विश्व में सभी प्रकार के कष्टों का निवारण करते हैं. उसके बावजूद मानव जगत के कल्याण के लिए और राक्षसों के नाश के लिए उन्होंने साधारण मनुष्य जैसे जीवन व्यतित करते हुए संदेश दिया कि आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए, ।
इस अवसर पर सदर विधायक डा. शलभ मणि, डा. बिपिन बिहारी शुक्ल, डा.जे एन पाण्डेय,डा. सौरभ बरनवाल, डा. पवन त्रिपाठी, शशिभूषण शुक्ल, हरिन्द्र तिवारी, डा. अमृतांशु शुक्ल, डा. महेंद्र पाण्डेय, रामप्रीत विश्वकर्मा, सुदित्य मणि, जयराम यादव, विंदू देवी, डा. स्वेता त्रिपाठी, सुधा विश्वकर्मा, इंदू विश्वकर्मा, आशा देवी, उर्मिला द्विवेदी आदि उपस्थित रहे।