नवरात्र का तीसरा दिन: माँ दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजन विधि जानिए

धर्म

शारीरिक शुद्धता के साथ ही मन की पवित्रता का भी ध्यान रखना चाहिए

या देवी सर्वभूतेषु चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:”।।

माता दुर्गा देवी की तीसरी शक्ति है ” माँ चंद्रघंटा”,इस देवी के मस्तक मे घंटा के आकार का अर्धचन्द्र है ,इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा है,इस माँ चंद्रघंटा के पूजन के विषय में महंत रोहित शास्त्री ने बताया शारीरिक शुद्धता के साथ ही मन की पवित्रता का भी ध्यान रखना चाहिए,इस दिन सुबह स्नान कर पूजा के कमरे या घर में किसी शुद्ध स्थान पर एक साफ चौकी पर माता चंद्रघंटा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद पूरे कमरे में एवं चौकी पर गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के कलश (घड़े )में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें, उसमें उपस्तिथ देवी-देवता, नवग्रहों,तीर्थों, योगिनियों और नगर देवता की पूजा आराधना करनी चाहिए,इसके बाद पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां चंद्रघंटा सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसमें आवाह्न, आसन, पाद्य, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधितद्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्रपुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।

मां चंद्रघंटा की उपासना का मंत्र

पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

देवी का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है,उनका ध्यान हमारे इस लोक और परलोक दोनों को सद्गति देने वाला है,इनके मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्र है इसीलिए मां को चंद्रघंटा कहा गया है, इनके शरीर का रंग सोने के समान बहुत चमकीला है और इनके दस हाथ हैं,वे खड्ग और अन्य अस्त्र-शस्त्र से विभूषित हैं,सिंह पर सवार दुष्‍टों के संहार के लिए हमेशा तैयार रहती हैं,इसके घंटे सी भयानक ध्वनि से अत्याचारी दानव-दैत्य और राक्षस कांपते रहते हैं।

जो भक्त मां चंद्रघंटा की श्रद्धा एवं भक्ति भाव सहित पूजा अर्चना करता हैं उसे मां का आर्शीवाद प्राप्त होता हैं। जिससे वह संसार में कीर्ति, यश एवं सम्मान प्राप्त करता हैं।

*महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य)*
*अध्यक्ष श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट(पंजीकृत)*
*संपर्कसूत्र :-9858293195,7006711011,9796293195*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *