सनातन वैदिक संस्कृति में भारतीय नववर्ष प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव एवं स्वाभिमान का प्रतीक: डा. आर. सी. मिश्रा

राज्य

देश के मूर्धन्य कवियों ने मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा नव संवतसर 2080 के शुभारम्भ पर आयोजित संस्कृति संवाद कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रस्तुति देकर देश की एकता एवं अखंडता का संदेश दिया

कुरूक्षेत्र/ हमारे पर्व एवं त्यौहार हमारी संवेदनाओं और परंपराओं का जीवंत रूप हैं। इन मान्यताओं, परंपराओं और विचारों में हमारी सभ्यता और संस्कृति के अनगिनत सरोकार छुपे हैं। भारतीय संस्कृति में त्यौहारों और उत्सवों का आदि काल से ही काफी महत्व रहा है। आज भारत में पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव बहुत तेजी से बढ़ रहा है। हमारे जीवन में राष्ट्र सर्वोपरि होना चाहिए। भारतीय संस्कृति दुनिया की अति प्राचीन संस्कृति है। राष्ट्र धर्म का पालन देश के सभी नागरिकों का सर्वोपरि कर्तव्य है। यह विचार हरियाणा पुलिस के महानिदेशक एवं हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक डा. आर. सी. मिश्रा ने मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा भारतीय नववर्ष विक्रमी संवत 2080 के शुभारम्भ, महर्षि दयानन्द की द्वि शताब्दी शुभारम्भ आर्य समाज की स्थापना के उपलक्ष्य में आयोजित संस्कृति संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यातिथि व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डा. आर. सी., मिश्रा, मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र, अति विशिष्ट अतिथि समाजसेवी संदीप गर्ग, सुखमीत खुराना ने संयुक्त रूप से वैदिक मंत्रोच्चारण से किया। कार्यक्रम में राष्ट्रकवि डा. सारस्वत मोहन मनीषी, प्रसिद्ध कवि धर्मेश अविचल एवं संगीता आर्य ने राष्ट्भक्ति से भरपूर अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में उपस्थित लोगो में राष्ट्र सेवा का जोश भरा। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा संचालि.त मातृभूमि शिक्षा मंदिर के ब्राम्हचारियों ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। मुख्य अतिथि डा. आर. सी. मिश्रा ने कहा मातृभूमि सेवा मिशन भारतीय सनातन मूल्यों नौ प्रति समर्पित एवं सजग है। नव संवत्सर पर आयोजित यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति बोध की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।

मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वैज्ञानिक पद्धति से तैयार किया गया विक्रम संवत कैलेंडर पूर्ण रूप से वैज्ञानिक गणना पर आधारित है जहाँ नववर्ष को प्रतिवर्ष चैत्र माह में मनाया जाता है। चैत्र माह में प्रकृति में चारों ओर उत्साह एवं सौंदर्य प्रदर्शित होता है एवं बसंत ऋतु का आगमन होता है। हिन्दू नववर्ष के अवसर पर सम्पूर्ण प्रकृति ही नए साल का स्वागत करने के लिए तैयार प्रतीत होती है। आध्यात्मिक दृष्टि से भी हिन्दू नववर्ष को अत्यंत पवित्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति संदीप गर्ग ने सम्बोधित करते हुए कहा हमारे जीवन में राष्ट्र सर्वोपरि होना चाहिए। अतिविशिष्ट अतिथि उद्योगपति सुखमीत खुराना ने कहा मातृभूमि सेवा मिशन सेवा का तीर्थ है। कार्यक्रम नव कोथ पीठाधीश्वर महंत शुक्राईनाथ योगी एवं हरियाणा गोरक्षा दल प्रधान आचार्य योगेंद्र ने भी बतौर विशिष्ट अतिथि सम्बोधित करते हुए महर्षि दयानन्द के जीवन एवं आर्य समाज का देश की सेवा में योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन रामपाल आर्य ने किया।आभार ज्ञापन आर्य योगेश योगी ने किया। मातृभूमि सेवा मिशन परिवार की ओर से सभी अतिथियों स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। स्वामी विप्रदास,समाजसेवी अबल सिंह राणा, हर्ष सेठ, श्रीमती निवेदिता चोपडा, जिला प्रचारक कुलदीप जी, आचार्य सतीश कौशिक, अमरिंदर सिंह, विजय सैनी, वीरेंद्र गोलन सहित विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संस्थाओ के प्रतिनिधि, जिला प्रशासन नौ अधिकारी एवं अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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