प्रेस की आजादी एक लोकतांत्रिक देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है: डा. श्रीप्रकाश मिश्र

राज्य

मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य समस्त पत्रकार बंधुओ के सर्वमंगल लिए वैदिक यज्ञ संपन्न

कुरुक्षेत्र। लोकतन्त्रात्मक व्यवस्था में प्रेस को लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा माना जाता है। प्रेस को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जाना जाता है। इसके महत्व को समझाने के लिए हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस को हर वर्ष 16 नवंबर को इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों को प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में बताया जा सके और उन्हें प्रेस के प्रति जागरूक किया जा सके। प्रेस की आजादी एक लोकतांत्रिक देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के तत्वावधान में आयोजित समस्त पत्रकार बंधुओ के सर्वमंगल के लिए आयोजित वैदिक यज्ञ कार्यक्रम में व्यक्त किये। मतृभूमि सेवा मिशन के विद्यार्थिओ ने वैदिक मंत्रो के माध्यम से यज्ञ में आहुति दी। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा भारत में गौरवपूर्ण पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास है। भारत की आजादी में पत्रकारिता के क्षेत्र का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस का दिन इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज के दिन लोगों को ये बताया जाता है कि कैसे प्रेस हमारे अधिकारों को हनन होने से बचाती है और लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा करती है। लोकतंत्र के मूल्यों की बहाली में प्रेस की भूमिका सबसे अहम होती है। भारत में पत्रकारिता में उच्च आदर्श स्थापित करने एवं प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए एक प्रेस परिषद को तैयार किया गया था। जिसके बाद 1966 में 4 जुलाई को एक प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी। इस स्थापित प्रेस परिषद ने 16 नवंबर से कार्यभार संभाला था। जिसके बाद से हर साल 16 नवंबर को प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा पत्रकारिता का क्षेत्र आज बहुत जोखिमपूर्ण एवं संकटो से भरा पड़ा है। आज पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले पत्रकारों को समाज एवं सरकार से जो सम्मान प्राप्त होना चाहिए वह नही प्राप्त है। आज आवश्यकता है, देश एवं प्रदेश की सरकारे पत्रकारो के हितो एवं जरूरतों का प्रमुखता से ध्यान दे।पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। प्रेस किसी भी समाज का आईना होता है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन के साथ ही हमारे सामाजिक सरोकारों पर भी मीडिया का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। कार्यक्रम में कार्यालय सचिव शमशेर, शिक्षक बाबूराम, गौरव सहित आश्रम के सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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