मातृभूमि सेवा मिशन के तत्वाधान में सफाई कर्मियों ने गीता जयंती पर ज्योतिसर तीर्थ में विश्व मंगल महायज्ञ में लोकमंगल के निमित्त यज्ञ में आहुति समर्पित की

राज्य

मातृभूमि सेवा मिशन आयोजित गीता जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित अठारह दिवसीय विश्व मंगल महायज्ञ की पूर्णाहुति गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में सम्पन्न।

मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा ज्योतिसर तीर्थ की नित्य स्वच्छता सेवा करने वाले सफाई कर्मियों को स्वच्छता प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया गया।

गीता जयंती के अवसर पर गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में आयोजित कार्यक्रम में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।

कुरुक्षेत्र।

मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रीमदभगवदगीता जयंती समारोह – 2023 के उपलक्ष्य में गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में आयोजित अठारह दिवसीय विश्व मंगल महायज्ञ एवं विगत एक वर्ष से अनवरत चल रहे दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ की पूर्णाहुति वैदिक परम्परा के साथ गीता जयंती के पावन पर्व पर
सम्पन्न हुई। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, अति विशिष्ट अतिथि स्वामी नारायण गुरुकुल अहमदाबाद के प्रमुख सद्गुरुशास्त्री श्री माधव प्रिय दास जी महराज, मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र, विशिष्ट अतिथि पटियाला के बाबा भूपिंदर सिंह जी महाराज ने संयुक्त रूप से यज्ञ कुंड के समक्ष दीप प्रज्जवलन से किया। कार्यक्रम में ज्योतिसर तीर्थ की नित्य स्वच्छता सेवा करने वाले सफाई कर्मियों को मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा स्वच्छता प्रहरी के नाते अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, श्रीफल एवं प्रोत्साहन राशि देकर डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने सम्मानित किया। सभी सफाई कर्मियों द्वारा विश्व मंगल महायज्ञ में गीता के श्लोको से आहुति दी गई। मातृभूमि शिक्षा मंदिर एवं कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के विद्यर्थियों ने सस्वर गीता के श्लोको से सम्पूर्ण ज्योतिसर तीर्थ को गुंजायमान कर दिया। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने कहा भगवदगीता ने सदैव अपने भक्तो को मंत्रमुग्ध किया है। गीता ने खोए हुए लोगों को जीवन की राह पर मार्गदर्शन किया है, और लोगों की दृष्टि को पुनर्निर्देशित किया है, उन्हें आत्मनिरीक्षण में डुबोया है। गीता ने धर्म में कमज़ोर लोगों को साहसी बनाया है और आस्थाहीन विद्वानों को भक्ति की ओर प्रेरित किया है। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा मातृभूमि सेवा मिशन गीता के मूल्यों एवं शिक्षाओ को आत्मसात कर लोकमंगल एवं विश्वमंगल के कार्यो में समर्पित है। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा ज्योतिसर तीर्थ में विगत अनेक वर्ष से वटवृक्ष के समक्ष दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ वास्तवविक रूप से एक बेमिशाल कार्य है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा
श्रीमदभगवदगीता मानव जीवन की वास्तविकताओं से शुरू होती है और आदर्शों के अंतिम शिखर पर विजय प्राप्त करती है। श्रीमदभगवद गीता एक दिव्य अमृत जो व्यक्ति को जीव अवस्था से ब्रह्म अवस्था में परिवर्तित कर देता है। आध्यात्मिक चिंतन जो धर्मशास्त्र और जीवन का मिश्रण है। विचार की एक धारा जो व्यक्तिगत शांति से सार्वभौमिक शांति की ओर बहती है। श्रीमदभगवदगीता एक अद्भुत ऊर्जा का भंडार जो मानव जीवन के दुख को आनंद में बदल देता है। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। आभार ज्ञापन आचार्य नरेश कौशिक एवं कार्यक्रम का संचालन धर्मपाल सैनी ने किया। कार्यक्रम में फिजी से नाथ दास जी, वीरेंद्र गोलन, गुरुदासपुर से जनक शर्मा, बक्सर, बिहार से महात्मा जय प्रकाश साहित देश के अनेक प्रांतो से गीता प्रेमी, श्रद्धालु, संत महत्मा, विभिन्न धार्मिक सामाजिक संस्थाओ के प्रतिनिधि एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ से हुआ।

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