मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम भारत के लिए नहीं अपितु पूरे विश्व के लिए आदर्श चरित्र है: महामहिम श्री हेमॅडॉयल डिलम

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मॉरीशस गणराज्य के उच्चायुक्त महामहिम श्री हेमॅडॉयल डिलम से मॉरीशस दूतावास में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र की शिष्टाचार भेंट

कुरुक्षेत्रर। रामायण पूरे विश्व के लिए हमेशा एक आदर्श रहेगी। रामायण वर्तमान एवं आने वाले समय में पूरे विश्व को धर्म और नैतिकता पर चलने का मार्ग दिखाएगी। रामायण के ऐतिहासिक प्रमाण पूरे विश्व में विख्यात है जो यह दर्शाते है की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम भारत के लिए नहीं अपितु पूरे विश्व के लिए आदर्श चरित्र है। संपूर्ण विश्व के लिए श्री राम पूजनीय है। यह विचार

मॉरीशस गणराज्य के उच्चायुक्त महामहिम श्री हेमॅडॉयल डिलम सी.एस. के. ने दिल्ली स्थित मॉरीशस दूतावास में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र से एक शिष्टाचार भेंट में व्यक्त किये। उच्चायुक्त महामहिम श्री हेमॅडॉयल डिलम ने मॉरीशस दूतावास पहुंचने पर मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र का भावपूर्ण स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
मातृभूमि सेवा मिशन परिवार की ओर से डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने उच्चायुक्त मॉरीशस को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंट किया। उच्चायुक्त हेमॅडॉयल डिलम ने कहा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम मॉरीशस के आदर्श है। जब 22 जनवरी 2023 को श्रीअयोध्या धाम में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तो इस उपलक्ष्य में सम्पूर्ण मॉरीशस के राजकीय एवं गैर राजकीय कार्यालयों में प्रभु श्रीराम के सम्मान मे दो घंटे का अवकाश रखा गया था। भगवान श्रीराम के आदर्शो को आत्मसात करके भारत दुनिया की एक महाशक्ति बन सकता है। आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत का निर्माण का मार्ग भगवान श्रीराम की शिक्षाओ में निहित है।
मॉरीशस के जन जन का भारत के प्रति अगाध प्रेम है। भारत में राम लला के निर्माण से सम्पूर्ण
मॉरीशस अपने को गौरवान्वित अनुभव कर रहा है।
उच्चायुक्त हेमॅडॉयल डिलम ने कहा रामायण जीवन जीने की संपूर्ण कलाओं को बुद्धि विवेक को जागृत करने की कल्याणकारी ग्रँथ है जिसमें सारे जीवन का सार छुपा हुआ है रामायण हमें धर्म के रास्ते पर चलना सिखलाती है।
जीवन के हर मोड़ पर मार्गदर्शन करती है।आज की विकट परिस्थितियों में राम जी द्वारा बतलाई गई शिक्षा को जीवन मे अमल में लाना होगा।
रामायण की सांस्कृतिक जड़ें भारत में ही नहीं अपितु विश्व के कुछ देशों में भी देखने को मिलती हैं। रामायण भारत में रहने वाले लोगों के लिए ही आदर्श नहीं हैं बल्कि वैश्विक स्तर पर समस्त संसार के लिए अनुकरणीय है। उच्चायुक्त हेमॅडॉयल डिलम ने मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र को मॉरीशस में सामाजिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों के संचालन के लिए आमंत्रित किया। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा रामायण हमारे हृदय पटल पर ही नहीं वरन अनंत काल तक युगों युगों से सारे संसार में विद्यमान है।रामायण में एक आदर्श परिवारों का समावेश है जिसमें आदर्श पिता, भाई, पुत्र, मित्र, सेवक, गुरु , शिष्य के दायित्व एवं अधिकार निहित है। रामायण की सांस्कृतिक जड़ें भारत में ही नहीं अपितु विश्व एक अनेक देशों में भी देखने को मिलती हैं। भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी रामायण लोगों को यह सीख देती है कि रामराज्य ही आदर्श राज्य का उदाहरण है। एक आदर्श राजा को प्रजा के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार कैसे करना चाहिए? श्रीराम एक उत्तम राजा ही नहीं थे बल्कि ऐसे पुत्र भी थे जिन्होंने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए चौदह वर्ष का वनवास लेने का प्रण ले लिया। इस अवसर पर मातृभूमि सेवा मिशन के कार्यकारी अधिकारी वीरेंद्र गोलन एवं मॉरीशस दूतावास के प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

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