ज्ञान चक्षु खुलने पर कामनाएं समाप्त हो जाती हैं : राजन

राज्य धर्म

-गिरजेश मिश्र

यूपी, देवरिया
उत्तर प्रदेश,के देवरिया जिला के अंतर्गत स्थित सिद्ध पीठ बारीपुर में चल रहें रामकथा के दूसरे सत्र में रविवार को श्रोताओं को राम कथा का रसपान कराते प्रसिद्ध कथा वाचक संत राजन महाराज ने कहा कि ज़ब जीवन में ज्ञान चक्षु खुलता है, तो कामनाएं समाप्त हो जाती हैं l उन्होंने शिव पार्वती विवाह में भगवान शिव द्वारा कामदेव को भस्म करने की कथा का उल्लेख करते हुये कहा कि, भगवान शिव अपने ज्ञान चक्षु अर्थात तीसरे नेत्र से कामदेव को भस्म किया l
कथा को विस्तार पूर्वक कहते हुये कहा कि मानस के अनुसार, बिनु संतोष न काम नसाहीं, अर्थात संतोष रहित जीवन में कामनाओं के नास की परिकल्पना निरर्थक साबित होती हैं l
उन्होंने ने कहा कि जीवन से कामनाओं को समाप्त करने के लिए संतोष का होना आवश्यक हैं l जिसके जीवन में कामना नहीं हैं l वहीं सुखी हैं l


जीवन में सुख पाने लालसा लिए लोंगो को अपने जीवन में संतोष लाना चाहिए l जीवन में ज़ब संतोष जन्म लेता हैं उसी पल कामनायें नष्ट हो कर परम सुख प्रदान करती हैं l
काम देव के भस्म होने के बाद ब्रह्मा जी के कहने पर हिमांचल के घर जा कर माता पार्वती से छल भरे मीठे शब्द में कहते हैं l कहा हमार न सुनेहु तब नारद कर उपदेश l अब भा झुठ तुम्हार प्रण जारेउ काम महेश ll
पार्वती तुमने नारद के उपदेश के चलते उस समय हमारा कहना नहीं माना, अब तो तुम्हारा प्रण ही झूठा साबित होगा l क्योंकि भगवान शंकर ने काम को जला दिया l उनकी यह बात सुनते ही पार्वती मुस्कुराकर कर बोलीं आप लोंगो के अनुसार शिव ने काम को अब जलाया हैं l
हमरे जान सदा शिव योगी l अज अनवद्य अकाम अभोगी ll
हमारे जान में शिव सदा से योगी, अजन्मा, कमरहित हैं l
पूर्व विधायक, सुरेश तिवारी,, डा. विनोद सिंह, सप्तनिक पत्नी रीना सिंह, डा. जितेंद्र सिंह सप्तनिक ललिता सिंह, रोशन बहादुर शाही, अपनी माता छाया शाही, अजय बरनवाल अपनी माता सोनमती अरुण बरनवाल सप्तनिक पुष्पा देवी कथा की दैनिक यजमान रहें l संचालन रबिप्रकाश मिश्र छोटे ने किया, इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष गिरीश चंद तिवारी, धन्यनंजय राव, अनिल मिश्र, केपी सिंह सौरभ तिवारी, सतेंद्र गिरि आदि उपस्थित रहें l

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