गाय का गोबर परमाणु विकिरण को कम कर सकता है: डा. श्रीप्रकाश मिश्र

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मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर में गोपाष्टमी पर्व पर मातृभूमि सेवा मिशन के विद्यर्थिओ ने गौवंश के सरंक्षण एवं सेवा का संकल्प लिया

कुरुक्षेत्र । गोपाष्टमी भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। गायों की रक्षा करने के कारण भगवान श्री कृष्ण जी का अतिप्रिय नाम ‘गोविन्द’ पड़ा। कार्तिक शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा से सप्तमी तक गो-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। इसी समय से अष्टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा, जो कि अब तक चला आ रहा है। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने गोपाष्टमी के उपलक्ष्य में आयोजित कामधेनु पूजा कार्यक्रम में व्यक्त किये। मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थिओ ने आश्रम की कामधेनु गौशाला की गायों को गुड़ और चारा खिलाकर गौवंश के सरंक्षण एवं सेवा का संकल्प लिया। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा भारतीय सनातन संस्कृति में गाय का विशेष स्थान हैं एवं गाय को माँ का दर्जा दिया जाता हैं क्यूंकि जैसे एक माँ का ह्रदय कोमल होता हैं, वैसा ही गाय माता का होता हैं। जैसे एक माँ अपने बच्चो को हर स्थिती में सुख देती हैं, वैसे ही गाय भी मनुष्य जाति को लाभ प्रदान करती हैं। भारतीय संस्कृति में गौ की सेवा, पालन ,पोषण को मनुष्य का कर्तव्य माना गया हैं. हम सभी को गौ माता की सेवा करना चाहिये, क्यूंकि वह भी हमें एक माँ की तरह ही पालन करती हैं.

डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा गाय का गोबर परमाणु विकिरण को कम कर सकता है। गाय के गोबर में अल्फा, बीटा और गामा किरणों को अवशोषित करने की क्षमता है। घर के बाहर गोबर लगाने की परंपरा के पीछे यही वैज्ञानिक कारण है। वहीं गाय के सींगों का आकार पिरामिड की तरह होने के कारणों पर भी शोध करने पर पाया कि गाय के सींग शक्तिशाली एंटीना की तरह काम करते हैं और इनकी मदद से गाय सभी आकाशीय ऊर्जाओं को संचित कर लेती है और वही ऊर्जा हमें गौमूत्र, दूध और गोबर के द्वारा प्राप्त होती है।

डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा गाय की कूबड़ ऊपर की ओर उठी और शिवलिंग के आकार जैसी होती है। इसमें सूर्यकेतु नाड़ी होती है। यह सूर्य की किरणों से निकलने वाली ऊर्जा को सोखती है, जिससे गाय के शरीर में स्वर्ण उत्पन्न होता है। जो सीधे गाय के दूध और मूत्र में मिलता है। इसलिए गाय का दूध हल्का पीला होता है। यह पीलापन कैरोटीन तत्व के कारण होता है। जिससे कैंसर और अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है। गाय की बनावट और गाय में पाए जाने वाले तत्वों के प्रभाव से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है। जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध होता है और मानसिक शांति मिलती है। कार्यक्रम में मिशन के सदस्य विद्यार्थी आदि उपस्थित रहे।

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