एक बार यदि भारत का युवा पूरे संकल्प के साथ उठ खड़ा हुआ तो दुनिया की कोई ताकत उसे नहीं रोक सकती: डा. श्रीप्रकाश मिश्र

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स्वामी विवेकनंद जयंती, मातृभूमि सेवा मिशन के 21वे स्थापना एवं राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा त्रिदिवसीय कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर विकसित भारत के निर्माण में युवा पीढ़ी विषय पर आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम एवं वैदिक यज्ञ कार्यक्रम संपन्न।

कुरुक्षेत्र।

स्वामी विवेकानंद भारत के उन महापुरुषों में अग्रणी हैं, जो युवाओं में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। वे भारतीय युवा प्रेरणा के प्रतीक पुरुष है। उनका तेजस्वी शरीर और संपूर्ण व्यक्तित्व इतना आकर्षक, प्रभावी, भव्य और उदात्त है कि बरबस ही वह युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। स्वामीजी ने न सिर्फ अपने समय में युवाओं को जाग्रत किया, बल्कि आज भी उनके विचार युवाओं को चुंबक की तरह अपनी ओर खींचने की क्षमता रखते हैं। यह विचार स्वामी विवेकनंद जयंती, मातृभूमि सेवा मिशन के 21वे स्थापना एवं राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा त्रिदिवसीय कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर विकसित भारत के निर्माण में युवा पीढ़ी विषय पर आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक ब्रम्हचारियों द्वारा स्वस्ति वाचन से हुआ। इस अवसर पर मातृभूमि शिक्षा मंदिर एवं कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के विद्यार्थियो द्वारा लोकमंगल के निमित्त वैदिक यज्ञ संपन्न हुई। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा स्वामी विवेकानंद का मानना था कि किसी भी समाज व राष्ट्र की मूलभूत चेतना उसकी युवा शक्ति में ही निवास करती है। इसीलिए उन्होंने युवा शक्ति को भविष्य निर्माता के रूप में देखा और उससे संवाद कायम किए। युवाओं को भारत की उत्कृष्ट, उदात्त और महिमावान संस्कृति का बोध कराते हुए उन्होंने कहा ‘अपने महिमावान अतीत को मत भूलो। स्मरण करो.. हम कौन है ? किन महान पूर्वजों का रक्त हमारी नसों में प्रवाहित हो रहा है ? एक ऐसे महान भारत की नींव रखो जो विश्व का पथप्रदर्शन कर सके। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा आज भारत की युवा पीढ़ी के दृढ संकल्प एवं अदम्य साहस से ही विकसित भारत का निर्माण हो सकता है। डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि एक बार यदि भारत का युवा पूरे संकल्प के साथ उठ खड़ा हुआ तो दुनिया की कोई ताकत उसे नहीं रोक सकती। आज हम देखते हैं कि स्वामी विवेकानंद की यह भविष्यवाणी कई मायनों में सच हो रही है। भारत के कई युवा दुनिया भर में बड़े बड़े संस्थानों का नेतृत्व कर रहे हैं. उनके ज्ञान, प्रतिभा और उनकी ऊर्जा ने पूरे विश्व को चमत्कृत कर दिया है. अमेरिका हो या इंग्लैंड या जर्मनी, कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष तक सार्वजनिक रूप से भारतीय युवाशक्ति का लोहा मान चुके हैं। कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि समाजसेवी धर्मपाल सैनी ने कहा मातृभूमि सेवा मिशन स्वामी विवेकानंद के विचारों और संदेशो हर विगत 21 वर्ष से आत्मसात कर वास्तविक रूप से राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित है और देश की वर्तमान युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत का कार्य कर रहा है। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा विगत 21 वर्षो में समाज के अनेक असहाय एवं जरूरतमंद बच्चों को आत्मनिर्भर बनाकर राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ा गया है। कार्यक्रम का आचार्य ब्रम्हचारी नवीन ने किया। युवा पीढ़ी को निःस्वार्थ भाव से वैदिक एवं गुरुशिष्य परम्परा में शिक्षा देने के लिए कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक को मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ ही हुआ।

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