दीपावली का पर्व असंख्य बुराईयों पर विजय प्राप्त कर संसार को मानवता एवं सद्भावना का पाठ सिखाता है: डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र

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मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा दीपावली के उपलक्ष्य में आयोजित पंच दिवसीय कार्यक्रम के चतुर्थ दिवस मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने स्वदेशी का संकल्प लिया
कुरुक्षेत्र\दीपावली उत्सव भी है और पर्व भी है। उत्सव का संबंध भौतिक आमोद से है। पर्व का संबंध उसके भावनात्मक पक्ष से है, जिसे हम जीवन में आध्यात्मिक स्पर्श लिया हुआ कह सकते हैं। इसमें हमें भौतिकता और आंतरिकता का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने दीपावली के उपलक्ष्य में मिशन द्वारा आयोजित पंच दिवसीय सामाजिक समरसता पर्व के चतुर्थ दिवस फतुहपुर स्थित आश्रम परिसर में व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ महालक्ष्मी, भारतमाता एवं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चित्र पर मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र एवं सहयोग फाउंडेशन, कुरुक्षेत्र के स्वयंसेवकों द्वारा दीपप्रज्जवलन एवं पुष्पार्चन से हुआ। सहयोग फाउंडेशन द्वारा मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों के मध्य विभिन्न शैक्षणिक प्रतियोगिताओं का आयोजिन किया गया। मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियागिताओं में भाग लिया। सहयोग फाउंडेशन, कुरुक्षेत्र के स्वयंसेवकों ने मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों को स्वदेशी के लिए प्रेरित भी किया और सभी विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि दीपावली का पर्व असंख्य बुराईयों पर विजय प्राप्त कर संसार को मानवता एवं सदभावना का पाठ सिखाता है। भारतीय दर्शन में दीपक देह का प्रतिनिधित्व करता है। दीप का विधान ऋग्वेद में मिलता है। दीपक देह है, तेल उसका जीवन और बाती उसकी सांस। जलता हुआ दीपक यानी जीवित मनुष्य। इस मान्यता को हमारे साहित्य, कला और लोक-जीवन में प्रमुख स्थान मिला है। दीपावली के जलते हुए दीपक हमारी आंतरिक जीवंतता को व्यक्त करते हैं। दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। तमसो मां ज्योतिर्गमय अर्थात मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाइए यह उपनिषदों की आज्ञा है। दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दीवाली अपने साथ अपार खुशी और प्रेम लेकर आता हैं।
आभार ज्ञापन सहयोग फाउंडेशन, कुरुक्षेत्र के संयोजक साहिल गाबा ने किया। कार्यक्रम का संचालन हरि व्यास ने किया। कार्यक्रम में अमन, मनीष बत्तरा, मोहित, अदम्य, हर्ष गाबा, शिव राजपूत, राकेश कंसल, गौरव भाटिया सहित अनेक धार्मिक, सामाजिक, आध्यात्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से हुआ।

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