कुरुक्षेत्र\
भैयादूज का त्यौहार भाई-बहन के बीच प्यार और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। भाई दूज का पर्व कार्तिक मास की द्वितीय तिथि के दिन मनाया जाता है। भारतीय सनातन हिंदू धर्म में भैयादूज के पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने भारतीय संस्कृति के अति पावन पर्व भैयादूज के अवसर पर मातृभूमि शिक्षा मंदिर विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतमाता के चित्र पर दीपप्रज्जवलन एवं पुष्पार्चन से मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र एवं विद्यालय के विद्यार्थियों द्वार किया गया। इस अवसर पर कुमारी निहारिका ने मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों को तिलक लगाकर उनके सर्वदा मंगल की कामना की।
मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति में भैयादूज का पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम एवं विश्वास का प्रतीक है। भैयादूज के पर्व को यम द्वितीय के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने का भी नियम है। भैयादूज के पर्व के दिन सभी बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। भैयादूज के त्यौहार के दिन बहने रोली और अक्षत से अपने भाई को टीका लगाकर उनके अच्छे भविष्य और लंबी उम्र की कामना करती हैं। भ्रातृत्व की भावना के विकास के बिना एक वैश्विक और संवेदनशील समुदाय का निर्माण संभव नहीं है। भ्रातृत्व की भावना मजबूत करने से ही विश्व शांति संभव है। भारतीय भ्रातृ परम्परा अपनी बहनों से मिलती है और उनका यथेष्ट सम्मान पूजनादि कर उनसे आशीर्वाद रूप तिलक प्राप्त कर कृतकृत्य होती हैं। इस प्रकार भैयादूज पर्व का धार्मिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय महत्व अनुपम है।
कार्यक्रम में शिक्षक बाबूराम, हरि व्यास, संतोष कुमार, गुरप्रीत सिंह सहित अनेक धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि जन उपस्थित रहे। इस अवसर पर मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने जीवन मे मातृशक्ति के सम्मान, सुरक्षा एवं सेवा करने का संकल्प लिया।