मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा भारतरत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों के मध्य सरदार पटेल स्मृति संवाद कार्यक्रम संपन्न
कुरुक्षेत्र\
किसी भी देश का आधार उसकी राष्ट्रीय एकता में निहित होता है। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने के कारण सरदार पटेल ने राजनीतिक इतिहास में एक गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया। उनके कठोर व्यक्तित्व में संगठन कुशलता, राजनीति सत्ता तथा राष्ट्रीय एकता के प्रति अटूट निष्ठा थी। जिस अदम्य उत्साह, असीम शक्ति से उन्होंने एकीकृत देश की प्रारम्भिक कठिनाइयों का समाधान किया। भारत की स्वतंत्रता संग्राम मे उनका महत्वपूर्ण योगदान था। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने भारतरत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों के मध्य आयोजित सरदार पटेल स्मृति संवाद कार्यक्रम में फतुहपुर स्थित आश्रम परिसर में व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र एवं मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीपप्रज्जवलन से किया। कार्यक्रम में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीयता से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि देश की आजादी के संघर्ष में उन्होनें जितना योगदान दिया उससे ज्यादा योगदान उन्होनें स्वतंत्र भारत को एक करने में दिया। भारतरत्न लौहपुरुष सरदार वल्लबभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय एकता के बेजोड़ शिल्पी व आधुनिक भारत के निर्माता थे। देश के विकास में सरदार वल्लभभाई पटेल के महत्व को सैदव याद रखा जायेगा। गृहमंत्री के रूप में वे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं आई.सी.एस. का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं आई.ए.एस. बनाया। अंग्रेजों की सेवा करने वालों में विश्वास भरकर उन्हें राजभक्ति से देशभक्ति की ओर मोड़ा। यदि सरदार पटेल कुछ वर्ष और जीवित रहते तो संभवतः नौकरशाही का पूर्ण कायाकल्प हो जाता।
डॉ. मिश्र ने कहा कि सरदार पटेल को भारत का लौहपुरुष कहा जाता है। गृहमंत्री बनने के बाद भारतीय रियासतों के विलय की जिम्मेदारी उनको ही सौंपी गई थी। उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए छः सौ छोटी-बड़ी रियासतों का भारत में विलय कराया। देशी रियासतों का विलय स्वतंत्र भारत की पहली उपलब्धि थी और निर्विवाद रूप से पटेल का इसमें विशेष योगदान था। नीतिगत दृढ़ता के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार और लौह पुरुष की उपाधि दी थी। वल्लभ भाई पटेल ने आजाद भारत को एक विशाल राष्ट्र बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम् से हुआ। कार्यक्रम में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने विश्व मंगल की कामना की।