साधना से ही व्यक्तित्व का विकास से लेकर सफलता का द्वार खुलता है: डॉ. पांड्या

उत्तराखंड धर्म हरिद्वार

हिन्दी नववर्ष के प्रथम दिन शांतिकुंज में जन्मशताब्दी साधना कक्ष का शुभारंभ
नवसंवत्सर कई नूतन प्रारंभों का दिन ः डॉ चिन्मय पण्ड्या

हरिद्वार।
अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी वर्ष 2026 के निमित्त साधना पुरश्चरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान शांतिकुंज सहित देश विदेश में स्थापित समस्त प्रज्ञा संस्थानों में सामूहिक रूप से आगामी एक वर्ष तक निरंतर चलेगा। नवसंवत्सर के प्रथम दिन शांतिकुंज में साधना महापुरश्चरण हेतु एक जन्मशताब्दी साधना कक्ष का शुभारंभ किया गया। जहाँ शांतिकुंज के समस्त भाई-बहिन सहित अनेकानेक नर नारी राष्ट्र की चहुमुंखी विकास की प्रार्थना के साथ आध्यात्मिक अनुष्ठान में भाग लेंगे।


अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार की आधार साधना ही है। साधना से ही व्यक्तित्व का विकास से लेकर सफलता का द्वार खुलता है, जिससे साधक का भविष्य बेहतर से बेहतर दिशा में अग्रसर होता है। संस्था की अधिष्ठात्री स्नेहसलिला श्रद्धेया शैलदीदी ने बताया कि युगऋषि परम पूज्य पं.श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने गायत्री परिवार की जब नींव रखी थी, तब से लेकर अब तक समाज में आध्यात्मिक जागरूकता और व्यक्तिगत विकास के लिए साधना का महत्वपूर्ण बताया है। साधना ही जीवन के उच्चतम स्तर तक पहुँचने का सर्वोत्तम माध्यम है। युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि नवसंवत्सर कई नूतन प्रारंभों का दिन है। सृष्टि के जन्म और चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिन भी है। ऐसे अवसर पर साधना महापुरश्चरण का शुभारंभ एक गौरवशाली अभियान की अहम दिशा है, जो हमारे जीवन में नए संकल्प और सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर प्रदान करेगा। नवसंवत्सर का यह दिन हमें आत्म-चिंतन, साधना और आध्यात्मिक विकास की ओर प्रेरित करता है। साधना महापुरश्चरण के शुभारंभ के अवसर पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरी, डॉ ओपी शर्मा सहित अनेक कार्यकर्त्ताओं ने साधना की।
ज्ञात हो कि शांतिकुंज के साधनात्मक वातावरण में नौ दिवसीय, युगशिल्पी, परिव्राजक सत्र में आये साधकों ने भी समाधि स्थल, गायत्री माता मंदिर प्रांगण, देवात्मा हिमालय में भी नियमित गायत्री मंत्र का गायत्री महामंत्र का निरंतर साधना होती है।
वहीं चैत्र नवरात्र के प्रथम का शुभारंभ ध्यान साधना से हुआ। गायत्री अनुष्ठान के लिए संकल्पित हजारों साधकों ने हवन के बाद अपनी अपनी साधना अभियान हेतु सामूहिक जप की शुरुआत की। व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि जी ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या चैत्र नवरात्रि में प्रत्येक दिन साधकों का मार्गदर्शन करेंगे।

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