“डिजिटल इंडिया की ओर: उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर कार्यशाला का सफल आयोजन”

उत्तराखंड
उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर, हरिद्वार में आज “नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर” के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एन.आई.सी.), भारत सरकार एवं एन.आई.सी उत्तराखण्ड के तकनीकी सहयोग से आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय की चिकित्सा सेवाओं को पूर्णतः डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना था। कार्यशाला का उद्घाटन उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी द्वारा किया गया। अपने उद्घाटन भाषण में कुलपति महोदय ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “डिजिटल इंडिया अभियान” को आयुष क्षेत्र में साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आयुर्वेद क्षेत्र में भी नवाचार अत्यंत आवश्यक है एवं वर्तमान युग की आवश्यकता अनुरूप विश्वविद्यालय भी आईटी को आयुर्वेद के साथ इंटीग्रेटेड करके अपनी चिकित्सा सेवाओं को और बेहतर करने के लिए प्रयासरत है।
कार्यशाला में एन.आई.सी. उत्तराखण्ड के वरिष्ठ निदेशक (आई.टी.) श्री नरेंद्र सिंह नेगी ने एन.आई.सी. की विभिन्न तकनीकी परियोजनाओं एवं सेवाओं का समग्र परिचय दिया। उपनिदेशक (आई.टी.) श्री अनुज धनगर ने ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली, उपयोगिता एवं इससे होने वाले लाभों पर विस्तृत प्रकाश डाला। एन.आई.सी. मुख्यालय, नई दिल्ली से संयुक्त निदेशक (आई.टी.) श्री राजेश सक्सेना ने सॉफ्टवेयर के विभिन्न तकनीकी मॉड्यूल्स को गहराई से समझाते हुए उनके समन्वित प्रभाव पर विचार साझा किए। कार्यक्रम में डॉ. राजीव कुरेले ने जानकारी दी कि ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर के माध्यम से आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाते हुए एक केंद्रीय डेटा बेस तैयार किया जाएगा, जिससे न केवल मरीजों की चिकित्सा सुविधा में पारदर्शिता एवं शीघ्रता आएगी, ईज ऑफ़ डूइंग बढ़ेगी, बल्कि शोध एवं विश्लेषण के क्षेत्र में भी यह सॉफ्टवेयर सहायक सिद्ध होगा।

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