राष्ट्र निर्माण आत्म-सुधार से संभव ः डॉ चिन्मय पण्ड्या
हरिद्वार।
हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पाँच दिवसीय ‘अखिल भारतीय पूर्णकालिक एवं प्रशिक्षक स्वावलंबी भारत अभियान’ का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक संगठित प्रयास है।
प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने भारतीयता, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता जैसे मूल्यों को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र का निर्माण आत्म-सुधार से संभव है। युगऋषि परम पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचार आज भी देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।
इस अवसर पर संघ प्रचारक एवं अखिल भारतीय संघटक श्री कश्मीरी लाल ने कहा कि यह आयोजन केवल एक कार्यशाला नहीं है, वरन् स्वावलंबी भारत की दिशा में एक दृढ़ संकल्प है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने कौशल और संस्कारों से भारत को आर्थिक और नैतिक रूप से सशक्त बनाने का कार्य करें।
अखिल भारतीय सह संयोजक (स्वावलंबी भारत) श्री जितेन्द्र गुप्ता, स्वर्णिम भारत वर्ष फाउंडेशन के चेयरमैन एवं वर्ग पालक श्री सतीश चावला तथा अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख एवं वर्ग प्रमुख डॉ. राजीव कुमार आदि प्रमुख रूप से सम्मिलित हुए। इस आयोजन में देश भर से आरएसएस से जुड़े प्रशिक्षक, शांतिकुंज, विश्वविद्यालय के कार्यकर्ता भाई बहन उपस्थित थे।
हरिद्वार।
हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पाँच दिवसीय ‘अखिल भारतीय पूर्णकालिक एवं प्रशिक्षक स्वावलंबी भारत अभियान’ का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। यह कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक संगठित प्रयास है।
प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने भारतीयता, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता जैसे मूल्यों को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र का निर्माण आत्म-सुधार से संभव है। युगऋषि परम पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचार आज भी देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।
इस अवसर पर संघ प्रचारक एवं अखिल भारतीय संघटक श्री कश्मीरी लाल ने कहा कि यह आयोजन केवल एक कार्यशाला नहीं है, वरन् स्वावलंबी भारत की दिशा में एक दृढ़ संकल्प है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने कौशल और संस्कारों से भारत को आर्थिक और नैतिक रूप से सशक्त बनाने का कार्य करें।
अखिल भारतीय सह संयोजक (स्वावलंबी भारत) श्री जितेन्द्र गुप्ता, स्वर्णिम भारत वर्ष फाउंडेशन के चेयरमैन एवं वर्ग पालक श्री सतीश चावला तथा अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख एवं वर्ग प्रमुख डॉ. राजीव कुमार आदि प्रमुख रूप से सम्मिलित हुए। इस आयोजन में देश भर से आरएसएस से जुड़े प्रशिक्षक, शांतिकुंज, विश्वविद्यालय के कार्यकर्ता भाई बहन उपस्थित थे।

श्रद्धालु ध्यान दें ः भ्रामक वेबसाइटों से सावधान रहें
हरिद्वार स्थित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज एक प्रख्यात आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्थान है, जो युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और माताजी भगवती देवी शर्मा द्वारा स्थापित किया गया था। यह संस्थान गायत्री साधना, संस्कार, प्रशिक्षण शिविर एवं व्यक्तित्व परिष्कार जैसे कार्यों के लिए देश-विदेश में श्रद्धा का केंद्र है। प्रतिवर्ष लाखों साधक यहां निःशुल्क सुविधाओं का लाभ उठाने आते हैं।
हाल ही में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा शांतिकुंज गायत्री परिवार के नाम पर फर्जी वेबसाइटें बनाकर लोगों को ठगा जा रहा है। इन वेबसाइटों पर शांतिकुंज के संस्थापकद्वय की समाधि स्थल की तस्वीरें लगाई जाती हैं और एसी रूम व अन्य विशेष सुविधाओं के नाम पर लोगों से ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से पैसे वसूले जा रहे हैं।जब श्रद्धालु शांतिकुज पहुँचते हैं, तब उन्हें इस ठगी का एहसास होता है।
शांतिकुंज परिवार कभी भी किसी के साथ इस प्रकार का व्यवहार नहीं करता है। शांतिकुंज प्रबंधन स्पष्ट करता है कि गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में स्वीकृति प्राप्त शिविरार्थी व प्रशिक्षणार्थी हेतु भोजन, आवास और सभी संस्कारों की व्यवस्था पूर्णतः निःशुल्क है। शांतिकुंज कभी भी ऑनलाइन बुकिंग या शुल्क नहीं लेता है। अधिकृत जानकारी केवल शांतिकुंज की आधिकारिक वेबसाइट awgp.org या ईमेल- shantikunj@awgp.org से ही प्राप्त करें। समस्त श्रद्धालुओं- आगंतुकों से निवेदन है कि वह सजग रहें, जागरूक रहे और इस प्रकार के धोखाधड़ी से बचें।