सुश्री माधुरी “महाकाश की “हे नचिकेता” (महाकाव्य) एवं “कोमल किसलय” (काव्य संग्रह) का विमोचन

राज्य

सुश्री माधुरी “महाकाश” की पुस्तकों का विमोचन

लखनऊ।
कृषि सहकारी स्टाफ ट्रेंनिंग सेन्टर, सेक्टर 21 इंदिरा नगर लखनऊ* में सुश्री माधुरी “महाकाश की *दो पुस्तकों* “हे नचिकेता” (महाकाव्य), एवं “कोमल किसलय” (काव्य संग्रह), का विमोचन वरिष्ठ साहित्यकारों एवं गणमान्य जनों की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री प्रो० हरि शंकर मिश्र ने लेखिका को बधाई देते हुये कहा कि माधुरी जी के कार्यक्रम में उनकी दो कृतियों के लोकार्पण में पुनः उपस्थित हूँ। मैं उनकी इन सुंदर कृतियों के लिए बहुत बधाई देता हूँ। हाल ही लेखिका की दो पुस्तकें शकुंतला “माटी अक्षयवट की” एवं महालय प्रकाशित हो चुकी है।
विशिष्ट अतिथि प्रभु नारायण, जो पूर्व अवध प्रान्त संघ चालक हैं, उन्होंने अपने सारगर्भित उद्बोधन द्वारा विषय की गंभीरता को समझाया।
कृतिकार माधुरी महाकाश जी ने अपनी कृति के माध्यम से गुरु शिष्य सम्बन्धों के विषय में बताया।

इन पुस्तकों की विशेषता बताते हुये विशिष्ट ने माधुरी को एक कुशल गृहिणी के साथ साथ लेखन की रुचि हेतु उनकी प्रशंसा भी की ।
अंत में प्रो हरि शंकर गुप्त अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद ने उपस्थित लोगों का आभार ज्ञापित किया ।
इस अवसर पर अनेक गणमान्य साहित्यकार व विद्वान उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से आचार्य ओम नीरव जी , आचार्य केसरी प्रसाद शुक्ल, , अखिल भारतीय साहित्य परिषद के महानगर अध्यक्ष श्री निर्भय नारायण गुप्त जी आदि तथा अपार जनसमूह उपस्थित रहा।

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