श्रीमदभगवदगीता कर्म, भक्ति और ज्ञान का अद्भुत संगम है: डा. श्रीप्रकाश मिश्र

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अंतर्राष्ट्रीय श्रीमदभगवदगीता जयंती समारोह – 2025 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन आयोजित आयोजित विश्व मंगल महायज्ञ का शुभारम्भ ज्योतिसर तीर्थ पूजन, गीता ग्रंथ पूजन एवं शंख के उद्घोष से हुआ।

ज्योतिसर तीर्थ पर मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा शंख की उद्घोष से अठारह दिवसीय कार्यक्रम एवं विश्व मंगल महायज्ञ का शुभारम्भ।

वैदिक ब्राम्हचारियों ने सस्वर गीता के श्लोको का उच्चारण करते हुए लोकमंगल के निमित्त आहुति डाली।

कुरुक्षेत्रl

श्रीमदभगवदगीता निष्काम कर्म, योग, और सदाचार का उपदेश देकर व्यक्ति को नैतिक और सफल जीवन जीने की प्रेरणा देती है।
यह व्यक्ति को मन की शांति, कर्तव्यों का बोध, और आत्मविश्वास देती है। यह जीवन की विपरीत परिस्थितियों का सामना करने, सुख दुःख में समभाव रखने और आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से मानसिक विकारों से मुक्ति पाने का मार्ग दिखाती है। यह विचार
मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने अंतर्राष्ट्रीय श्रीमदभगवदगीता जयंती समारोह – 2025 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित अठारह दिवसीय विश्व मंगल महायज्ञ के शुभारम्भ अवसर पर गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में व्यक्त किये। विश्व मंगल महायज्ञ का शुभारम्भ ज्योतिसर तीर्थ पूजन, गीता ग्रंथ पूजन एवं शंख के उद्घोष से हुआ। विश्व मंगल महायज्ञ में वैदिक ब्रम्हचारियों ने आचार्य नरेश कौशिक के मार्गदर्शन में सस्वर गीता के श्लोको का उच्चारण करते हुए लोकमंगल के निमित्त आहुति डाली। ज्योतिसर वासी श्रीमती सरोज गोलन बतौर मुख्य यज्ञमान उपस्थित रही।
विश्व कल्याण महायज्ञ को सम्बोधित करते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा.श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा श्रीमदभगवदगीता मनुष्य को जीवन जीने के लिए कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग जैसे मार्ग लोकमंगल प्रस्तुत करती है, जिससे व्यक्ति जीवन में सही चुनाव कर सके। गीता का संदेश केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए भी है। यह शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज की स्थापना के लिए मार्गदर्शन करती है। गीता परमात्मा, आत्मा और सृष्टि के बारे में गहन ज्ञान प्रदान करती है। यह आत्मा की अमरता और संसार की क्षणभंगुरता को समझाती है। गीता का महत्व जीवन के हर पहलू के लिए है, क्योंकि श्रीमद्भागवत गीता कर्म, भक्ति और ज्ञान का अद्भुत संगम है। यह मानसिक शांति, आत्मविश्वास और चरित्र निर्माण में मदद करती है, साथ ही जीवन की चुनौतियों का सामना करने और भौतिक सुखों से परे सत्य को समझने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। विश्व मंगल महायज्ञ में गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल संगरूर, पंजाब के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने भी आहुति प्रदान की। कार्यक्रम में मातृभूमि शिक्षा मंदिर एवं कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य , विद्यार्थी सहित देश के अनेक प्रांतो से गीता श्रद्धालु, गीता प्रेमी एवं गीता विद्वान उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ से हुआ।

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