नईदिल्ली : नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स (इंडिया ) सम्बद्ध इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स ब्रसेल्स ने उत्तराखंड प्रशासन द्वारा वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को ‘कानूनी नोटिस’ जारी करने और उनके परिवार को धमकाने के लिए पुलिसकर्मियों को उनके निवास पर भेजने की कड़े शब्दों में निंदा की है। एनयूजेआई ने मांग की है कि पत्रकार को प्रताड़ित करने की बजाय उनके उठाए गए सवालों का जवाब दिया जाए।
मीडिया में आई जानकारी के अनुसार राठी ने राज्य सरकार से यह सवाल पूछा था कि पहले से आईटी पार्क के लिए आवंटित की गई प्रमुख भूमि को 90 वर्ष की लीज पर निजी बिल्डरों को क्यों सौंप दिया गया है। इसके बाद, उत्तराखंड राज्य सरकार के अधीन औद्योगिक विकास निगम, ने पत्रकार को कानूनी नोटिस जारी किया। पुलिसकर्मियों की एक टीम ने उनके घर पर छापा मारा और उनके परिवारजनों को डराने-धमकाने का प्रयास किया।
एनयूजेआई के अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की इस तरह की कार्रवाई तानाशाही प्रवृत्तियों को दर्शाती है। कोई भी सरकार पत्रकारों को डरा धमकाकर सत्य को उजागर करने से नहीं रोक सकती है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो इस मुद्दे पर आंदोलन भी छेड़ा जा सकता है।
एनयूजेआई महासचिव प्रदीप तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार ऐसी उत्पीड़नपूर्ण कार्रवाइयों को तुरंत रोके और सभी लोकतांत्रिक सोच रखने वाले नागरिकों से अपील करता है कि वे एकजुट होकर मीडिया को धमकाने वाले इन अलोकतांत्रिक कदमों का पुरजोर विरोध कर इसे विफल करें।
