उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर लगाया मांगों की अनदेखी का आरोप

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून। समस्त चयनित स्टोनोग्राफी वेयक्तिक सहायक अर्चित भट्ट ने कहा है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उनकी मांगों को अनदेखा कर रहा है। सभी चयनित अभ्यर्थी हैं उन्हें शीघ्र ही नियुक्ति प्रदान की जाये, अन्यथा सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जायेगा। आज परेड ग्राउंड स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि आशुलिपिक परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तथा सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा वैयक्तिक सहायक पद के लिए 162 पदों पर 27 जुलाई 2020 को विज्ञापन जारी किया गया, और इन 162 पदों पर लिखित परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से 16 व 17 मार्च 2021 को आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा कि उक्त लिखित परीक्षा के आधार पर 15 जुलाई 2021 को टंकण एवं आशुलिपिक परीक्षा हेतु औपबंधिक श्रेष्ठता सूची जारी की गई। उन्होंने कहा कि जिसके पश्चात् 25, 26 व 27 अक्टूबर 2021 को छह पालियों में टंकण एवं आशुलिपिक परीक्षा आयेजित की गई, जिसका परिणाम 30 मार्च, 2022 को जारी किया गया।

उन्होंने कहा कि परीक्षा के अंतिम परिणाम में सफल 110 अभ्यर्थियों का अभिलेख सत्यापन 28 व 29 जून 2022 को सम्पन्न करा दिया गया था। उन्होंने कहा कि शेष 52 पद अभी भी रिक्त हैं। जो इस परीक्षा की पवित्रता को साबित करने के लिए स्वयं में ही एक पुख्ता सबूत है। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य भर्तियों में अनियमितता पाए जाने के कारण आयोग द्वारा आठ भर्तियों की जांच हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन माह अक्टूबर 2022 में किया गया था। महोदय, आशुलिपिक भर्ती का इस जांच दायरे में आने का कारण आयोग द्वारा यह बताया गया कि इस भर्ती में एक जनपद से चयनित अभ्यर्थियों की संख्या आनुपातिक रूप से अधिक है। उन्होंने कहा कि जबकि वे अभ्यर्थी एक विशेष क्षेत्र से नहीं बल्कि पूरे ऊधम सिंह नगर जनपद से चयनित हैं और यह जनपद पूर्व से ही आशुलेखन कला के लिए प्रसिद्ध है, जिस कारण पूर्व में भी आयोजित आशुलिपिक परीक्षाओं में इस जनपद से चयनित अभ्यर्थियों का चयन प्रतिशत अन्य 12 जनपदों की अपेक्षा अधिक रहा है। इस अवसर पर वार्ता में अनेकों चयनित अभ्यर्थी शामिल रहे।

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