Tihari News चन्द्रयान-3 के सफल लेडिंग पर खुशी की लहर
Tihari News देवप्रयाग में खगोलीय शोध एवं अध्ययन से जुड़े शोध केंद्र नक्षत्र वेधशाला में चंद्रयान तीन की सफलता पर हर्ष जताया गया। केंद्र संचालक आचार्य भास्कर जोशी ने कहा कि भारत भूमि पर प्राचीन काल से खगोलीय गतिविधियों का निरीक्षण और शोध होता रहा है। देवप्रयाग में वर्ष 1946 में खगोलविद् आचार्य चक्रधर जोशी द्वारा स्थापित नक्षत्र वेधशाला में अनेक देशों की बहुमूल्य टेलीस्कोप आकाशीय निरीक्षण हेतु रखे गए हैं। Tihari News
Tihari News शोध केंद्र में चन्द्रमा के इतिहास से जुड़ी सामग्री विशेष तौर पर संग्रहित हैं, जिसमें जुलाई 1969 में मानव के पहली बार चन्द्रमा पर पदापर्ण करने संबंधी समाचार पत्र भी इसमें शामिल हैं। मंगल ग्रह पर शोध हेतु 1996 में नासा द्वारा भेजे गए पाथफाइंडर रोवर निर्माण से जुड़े विदेशी वैज्ञानिक आंद्रे भी इस केंद्र का कई बार भ्रमण कर चुके हैं, अनेक प्रसिद्ध लोगों ने इस केंद्र में स्थापित जर्मन, इंग्लैंड, जापान में निर्मित टेलीस्कोप से चंद्रमा सहित अन्य ग्रह और तारों का निरीक्षण भी किया हैं। Tihari News
Tihari News जर्मनी में 1930 में निर्मित विशेष लेंस के टेलिस्कोप से आज भी यहां से चन्द्रमा को काफी निकट से देखा जा सकता है। बताया विश्व में ऐसे टेलिस्कोप अब छह ही शेष हैं। आचार्य जोशी ने बताया आज भी जो लोग चन्द्रमा को निकट से देखने की चाह रखते हैं, उनके लिए नक्षत्र वेधशाला केंद्र में विशेष व्यवस्था है। इसरो की इस महान उपलब्धि के बाद 1946 में स्थापित नक्षत्र वेधशाला जैसे खगोल केंद्रो से चंद्रमा, ग्रह, तारों आदि को देखने के साथ जानकारी लेने की आम लोगों में रुचि बढ़ने की आशा है।