हरिद्वार 21 अप्रैल । श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वतीजी महाराज ने कहा है कि वेद माता गायत्री सनातन धर्म की आधार हैं जिनकी उपासना से सभी देवताओं की पूजा का पुड्यफल प्राप्त हो जाता है और संकट तथा असाधारण स्थिति में हनुमान जी व्यक्ति की सहायता करते हैं। वे आज राजा गार्डन स्थित श्री हनुमान मंदिर गौशाला के सत्संग हाल में श्री हनुमान मंदिर स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष में मानव जीवन में आने वाली विसंगतियों को दूर करने के उपायों पर चर्चा कर रहे थे।
हनुमान जी को संकटमोचक और हर समस्या का समाधान करने वाला बताते हुए उन्होंने कहा कि माता सीता की खोज और संजीवनी बूटी जैसे दुर्लभ कार्य केवल हनुमान जी ही कर सकते थे, वे चाहते तो स्वयं रावण को पराजित भी कर सकते थे और माता सीता को ला भी सकते थे लेकिन स्वामी भक्ति का परिचय देते हुए उन्होंने यह कार्य भगवान राम से ही करवाया। भगवान सूर्य के शिष्य वीर हनुमान को सेवा और मैत्री का पर्याय बताते हुए वयोव्रृद्ध संत ने कहा कि हनुमान जी ने भगवान राम की सुग्रीव से मित्रता करवायी जिससे परस्पर सहयोग से दोनों परिवारों में खुशहाली आई। वेदांत के सिद्धांत तथा गीता एवं गायत्री की उपासना का महत्व बताते हुए उन्होंने सभी भक्तों का आवाहन किया कि सामर्थ्यवान की साधना करने से सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है। साधना सदन के महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद पुरी ने हनुमान चरित्र की व्याख्या करते हुए कहा कि हनुमान जी ने ब्राह्मण रूप में भगवान का दर्शन किया और अपनी भक्ति एवं कर्म से राम कार्य कर प्रभु को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया । भगवान तो सर्वत्र हैं लेकिन प्रकट वहीं होते हैं जहां उनका आवाहन किया जाता है। हनुमत गौशाला में पधारे सभी भक्तों को साधुवाद देते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग धन्य हैं जिनको दिव्य संत की अमृतवाणी का रसपान करने का भगवान ने सौभाग्य दिलाया। पाटोत्सव कार्यक्रम की पूर्णाहुति 23 अप्रैल को होगी। प्रातः काल गायत्री महायज्ञ का आयोजन चल रहा है जिसमें भक्तगण सपरिवार सम्मिलित होकर विश्व कल्याण की कामना करते हैं।