राज्यपाल ने कहाः आयुर्वेद की असली ताकत का अहसास पूरे देश के लोगों को कोरोना काल में हुआ

उत्तराखंड हरिद्वार

आदर्श आयुर्वेदिक फार्मेसी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव का आयोजन

हरिद्वार। भगवान शिव जी ने उत्तराखण्ड में योग, आयुर्वेद हम सभी को वरदान के रूप में दिया है हम सबका यह कर्तव्य बनता है कि हम इसको पूरे विश्व में पहुंचाएं। यह उद्गार महामहिम राज्यपाल गुरमीत सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) उत्तराखण्ड ने आदर्श आयुर्वेदिक फार्मेसी के भी 75 वर्ष पूरे होने पर आयोजित अमृत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज इस समारोह में शामिल होने पर हमें अपनी भारतीय सभ्यता, संस्कृति एवं आयुर्वेद का अहसास हो रहा है। महामहिम ने कहा कि आयुर्वेद की असली ताकत का अहसास पूरे देश के लोगों को कोरोना काल में हुआ, जब हमारी जड़ी बूटियों द्वारा इम्युनिटी को बढ़ाने का तरीका लोगों को बताया जा रहा था एवं उसका पालन हो रहा था। उन्होंने कहा कि उस समय योगविद्या एवं आयुर्वेद ने हमको जगाया है। आयुर्वेद सभी वेदों का निचोड़ है हमारा कर्तव्य बनता है कि हम इस विद्या को पूरे विश्व में साझा करें।

विशिष्ट अतिथि विधानसभा अध्यक्ष श्रीमति ऋतु खण्डूरी ने कहा कि आदर्श आयुर्वेदिक फार्मेसी पिछले 75 वर्ष से लगातार आयुर्वेद के माध्यम से देश की सेवा कर रही है जो बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि अगर आयुर्वेद को हम अपने जीवन में रखेंगे तो कभी बीमार नहीं होंगे। जो बीमार हैं उन्हें ठीक तो करता ही है आयुर्वेद, वहीं जो ठीक हैं उन्हें बीमार भी नहीं होने देता है आयुर्वेद।

अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महन्त रवीन्द्र पुरी जी महाराज ने कहा कि लल्लू वैद्य का नाम और काम हम बचपन काल से ही सुनते आ रहे हैं कि आयुर्वेद सेवा में उनका बहुत बड़ा नाम था वहीं आज उनकी तीसरी पीढ़ी के वैद्य दीपक कुमार का भाव सन्तों के प्रति निःशुल्क रहता है यह आज के समय में बड़ी बात है। अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महन्त दामोदर दास जी महाराज ने कहा कि आदर्श आयुर्वेदिक फार्मेसी ने अपने काम को मानवता से जोड़कर आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अब धीरे-धीरे आमजन को आयुर्वेद की महत्ता का ज्ञान हो रहा है तथा लाभान्वित हो रहे हैं।

महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द गिरि जी महाराज ने कहा कि आज हम लल्लू वैद्य के प्रतिरूप में दीपक कुमार को देख रहे हैं। कहाकि जो आयु को बढ़ाने वाला वेद है वही आयुर्वेद है। सूरत गिरी बंगले के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि भारत के स्वतन्त्र काल में इस संस्था का उदय हुआ था तभी से सूरतगिरि बंगले के पीढ़ी दर पीढ़ी सम्बन्ध चले आ रहे हैं। साथ ही दीपक कुमार ने एक आदर्श स्थापित किया हुआ है कि यहां अमीर और गरीब की सेवा बिना भेद भाव के एक जैसी की जा रही है।

देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश भर में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, वहीं हरिद्वार के कनखल में 1947 में राज वैद्य स्वर्गीय श्री लल्लू वैद्य द्वारा स्थापित आदर्श आयुर्वेदिक फार्मेसी के भी 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। आदर्श आयुर्वेद फार्मेसी के 75 वर्ष पूरे होने पर फार्मेसी का सफल संचालन कर रहे तीसरी पीढ़ी के प्रसिद्ध वैद्य दीपक कुमार द्वारा आज प्लेटिनम जयंती समारोह मनाया गया। इस मौके पर डॉ. दीपक कुमार, संजय कुमार, सीए नवीन कुमार, एडवोकेट सन्दीप कुमार, शाश्वत एवं उत्कर्ष ने राज्यपाल महोदय को प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। वहीं अलका, प्रीति, मोनी, विम्पी एवं पिंकी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी का स्वागत किया। आचार्य पद्म प्रसाद सुवेदी ने फार्मेसी के प्रारम्भ काल से लेकर अब तक के सेवाकार्यो पर विस्तार से प्रकाश डाला। शिव डेल स्कूल के बच्चों ने देशभक्ति गीत के साथ शहीदों को नमन किया।

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर शहीदों की वीरांगनाओं श्रीमती सुनीता त्रिपाठी, श्रीमति ऋतु, सैनिक के रूप में ले. जनरल टी.पी.एस. रावत, शीतल वर्मा योग एवं आयुर्वेद, श्रीरामकुमार मिश्रा सामाजिक कल्याण, रामकृष्ण मिशन उत्तम स्वास्थ्य, स्वामी अजरानन्द अन्ध विद्यालय मानवता कल्याण, डॉ. यतीन्द्र नागयान पर्यावरण, पद्म प्रकाश सुवेदी शिक्षा, डॉ. पहल सिंह पारम्परिक चिकित्सा, सुश्री मीनू सिंह सद्भावना को सम्मानित किया गया।

वेदा ग्रीन में आयोजित इस समारोह में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, स्वामी जयेन्द्र मुनि जी महाराज, स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश जी महाराज, स्वामी शरद पुरी जी महाराज, डॉ. हरिहरानन्द जी महाराज, स्वामी रविदेव जी महाराज, महन्त दिनेश जी महाराज, पूर्व न.पा.अ. सतपाल ब्रह्मचारी जी, स्वामी उमाकान्तानन्द जी, त्रिकाल भवन्ता, स्वामी सहदेव मुनी जी महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, आदेश चौहान विधायक, श्रीमती ममता राकेश विधायक, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा सहित देश-विदेश से आए मेहमान, साधु सन्तों के साथ बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन कवि डॉ. नरेश मोहन ने किया।

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