बहादराबाद (हरिद्वार)।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के 50 दिन-50 योग सत्र अभियान के क्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधार्थी व छात्रों ने हरिद्वार जिला जेल में कैदियों को योगाभ्यास कराया गया। योग विभाग के अध्यक्ष डॉ. कामाख्या कुमार ने कहा कि योगाभ्यास द्वारा सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण कर सभी व्यक्तियों में उल्लेखनीय बदलाव ला सकते हैं | उन्होंने संकल्प शक्ति दृढ़ करने पर भी जोर दिया।
जिला जेल में आयोजित सत्र में बंदियों के अलावा जेल अधिकारियों ने भी योग अभ्यास किया। प्रशिक्षकों ने कैदियों को सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने का अभ्यास कराया और उन्हें संकल्प दिलाया कि वे स्वयं को रचनात्मक और उद्देश्यपरक गतिविधियों में व्यस्त रखेंगे।
जाने माने योगाचार्य और नाड़ी विशेषज्ञ डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी जी ने कहा कि शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य से ही हम समाज को उन्नति के पथ पर अग्रसर कर सकते हैं | व्यक्तिगत और सामाजिक संतुलन की दृष्टि से भी योग का व्यायक प्रचार प्रसार आवश्यक है। उन्होंने योग को जीवन शैली का हिस्सा बनाएं जाने की आवश्यकता बताई।
कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री के निर्देशन में विगत एक मई से प्रारंभ हुई इस नई पहल के तहत प्रदेश के अनेक विद्यालयों, महाविद्यालयों, पार्कों, हॉस्पिटलो, गंगा घाटों, आश्रमों व मंदिरों में योग सत्र के कार्यक्रम संपन्न कराते हुए आज अपना 36वां दिन पूर्ण किया | अब तक के सत्रों में हजारों लोगों ने योगाभ्यास के जरिए लाभ उठाया है। आगामी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर इस अभियान का समापन सत्र आयोजित होगा, जिसमें विश्वविद्यालय परिसर में सामूहिक योग शिविर सभी के लिए खुला होगा|