पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक होने का पर्व है हरेला: ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी महाराज

उत्तराखंड

ज्योतिर्माठ उत्तराखंड। आज का दिन सनातनियों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है । कर्क संक्रान्ति , सोमवती अमावास्या के साथ ही श्रावण का सोमवार । आज के दिन भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी माता जी का हरियाली श्रृंगार किया गया । परमहंसी गंगा आश्रम क्षेत्र के सभी शिव मन्दिर में भगवान का अभिषेक किया पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज ने ।

*लोक पर्व हरेला की शुभकामनाएं*

परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज ने उत्तराखंड के *लोक पर्व हरेला* की सभी देशवासियों एवं प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ।
उन्होनें कहा कि हम सबको इस लोक पर्व को मनाने के पीछे के उद्देश्य को समझना होगा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर होना होगा ।

शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि हरेला लोक पर्व पर्यावरण संरक्षण एवं संबर्द्धन के साथ ही उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की परिचायक भी है । उन्होंने कहा कि सावन माह के अवसर पर आयोजित होने वाले इस लोक पर्व से हमें संदेश मिलता है कि हमें अपने पर्यावरण के प्रति सचेत रहना चाहिए । कहा कि सदियों वर्ष पूर्व प्रारंभ किए कि इस लोक पर्व को मनाने के पीछे का उद्देश्य भी यही है ।

ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी ने कहा कि इस लोक पर्व पर हम सब देशवासियों को यह संकल्प लेना चाहिए कि हमें धरती से पर्यावरण प्रदूषण को मिटाने के लिए स्वंय प्रयासरत रहना चाहिए ।

हरेला पर्व के अवसर पर ज्योतिर्मठ शंकराचार्य पीठ में तमाम भक्तों ने आकर मन्दिर दर्शन कर प्रसाद प्राप्त किया।

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