मॉक ड्रिल के तहत रेड क्रॉस स्वयं सेवकों ने आपदा के दौरान अपनी अपनी भूमिका को परखा

उत्तराखंड हरिद्वार

हरिद्वार।
मॉक ड्रिल के तहत रेड क्रॉस स्वयं सेवकों ने आपदा के दौरान अपनी अपनी भूमिका को परखा ,जिसके लिए प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष सराहना की गई।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देशन में मुख्य चिकित्साधिकारी डा० मनीष दत्त एवं इडियन रेडक्रास सचिव डॉ. नरेश चौधरी के संयोजन में गत दिवस की गई आपदा की मॉक ड्रिल के तहत रेडक्रास स्वयं सेवकों ने भी अपने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुये , आपदा के आने पर किस प्रकार जिला प्रशासन का सहयोग किया जायेगा तथा जनमानस के जानमाल की सुरक्षा की जायेगी। ऐसे सभी प्रकार के आपदा के दौरान किये जाने वाले सभी कार्यों की तैयारियों को परखने के उपरान्त समीक्षा की। मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने इंडियन रेडक्रास सचिव डॉ. नरेश चौधरी एवं मॉक ड्रिल में किये गये समर्पित सहयोग के लिए प्रतिभाग करने वाले सभी रेडक्रास स्वयं सेवकों की सराहना करते हुये कहा कि आपदा के दौरान कार्य करने वाले सभी सम्बन्धित विभागों के साथ साथ स्वयं सेवकों की अहम भूमिका होती है। जिसमें रेडक्रास स्वयं सेवक पूर्णतया खरे उतरे। मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने कहा जब जब कोई भी देवीय, प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं से जनमानस प्रभावित हुआ रेडक्रॉस स्वयं सेवकों ने अग्रणीय रहकर जनमानस को समर्पित सेवा दी है। जिसका उदाहरण गत वर्षों में आयी हुई अपदायें, कोविड-19 जैसी वैश्विक देवीय आपदा है जिसके लिए डा० नरेश चौधरी सचिव रेडक्रास के नेतृत्व में रेडक्रास स्वयं सेवकों ने उत्कृष्ट कार्य किये है। जिससे जनपद हरिद्वार का नाम भारत में ही नहीं अपितु विश्व में भी गौरवान्नित हुआ है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष दत्त ने कहा कि किसी भी दैवीय आपदा को रोका नहीं जा सकता, परन्तु स्वैच्छिक संस्थाओं के स्वयं सेवकों तथा अधिक से अधिक जनसहभागिता से कम किया जा सकता है। इंडियन रेडक्रास सचिव डा० नरेश चौधरी ने अवगत कराया कि आपदा के मॉक अभ्यास के अन्तर्गत रेडक्रास स्वयं सेवकों ने भी सभी घटना स्थलों पर बिना समय गवाएं शीघ्रता से पहुंचकर प्रभावित जनमानस को यथा सम्भव प्राथमिक उपचार दिया। तथा समय रहते हुए जनहानि ,पशु हानि, आर्थिक हानि को कम से कम होने दिया । यहां तक की कुछ घायलों को सी.पी.आर.(कार्डियो पल्मोनरी रिसेसियेशन) दिल की धमनियों को पुन चालू करना। पानी में डूबते को बचाकर उनका पानी बाहर निकाल कर कृत्रिम श्वास देने के उपरांत प्राथमिक उपचार भी दिया गया। तथा गंभीर रूप से प्रभावित व्यक्तियों को एंबुलेंस में ही प्राथमिक उपचार देते हुए चिकित्सालय मैं समय से पहुंचाया गया। समीक्षा के उपरांत डॉ. नरेश चौधरी ने घटना स्थलों पर कुछ भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए जागरूकता अभियान चलाने तथा जिला चिकित्सालय में पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए। जिससे घायलों को आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में पहुंचने में देर ना हो जैसे सुझाव भी जिला प्रशासन को दिए गए ।जिसके लिए एस. डी. एम. अजय वीर सिंह ने संबंधित विभागों को भविष्य में उक्त कमियों को दूर करने के निर्देश देते हुए रेडक्रॉस स्वयं सेवकों द्वारा समर्पित भावना से किए गए सहयोग की सराहना करते हुए प्रशंसा की एवं धन्यवाद ज्ञापित भी किया। रेडक्रॉस स्वयंसेवकों में मुख्य रूप से विजय मीना ,आयुष यादव ,अर्पित चंद्र ,आयुष प्रसाद ,अनमोल ,दीपक, तुषार सक्सेना, कीर्ति त्यागी ,चारु, शीतल सिंह, रितु , सृष्टि गोसाई ,निकिता रावत, हिमानी, शिवानी रावत ,श्रुति सिंह, महक, काजल ,आंचल, दिव्या ,अदिति ,सानिग्धा ज्येष्ठा ,शिवांश कांडपाल एवम पूनम आदि ने सक्रिय सहभागिता की।

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