अल्मोड़ा। आज नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी के नेतृत्व में जिला स्तरीय प्राधिकरण विरोध संघर्ष समिति ने अल्मोड़ा पहुंचने पर महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन सौंपकर जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त किए जाने की मांग की।कोश्यारी के अल्मोड़ा पहुंचने पर आज सर्किट हाउस में प्राधिकरण विरोध समिति ने पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद जोशी के नेतृत्व में कोश्यारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन के माध्यम से संघर्ष समिति ने कहा कि वर्ष 2017 से अल्मोड़ा में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण सरकार द्वारा लागू किया गया है जिसके कारण नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अल्मोड़ा में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा लगातार प्रत्येक मंगलवार को गांधी पार्क में इसके विरोध में धरना दिया जा रहा है क्योंकि जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण में यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई भवन निर्माता अपने भवन निर्माण करता है तो उसे अपने भवन का में सैट बैक छोड़ना पड़ेगा जो कि काफी पुराने समय से बने हुए भवनों में संभव नहीं है।
यहां पर अल्मोड़ा बाजार एवं अन्य स्थानों में दो मकानों के बीच में एक ही दीवार होती है जिसमें सैट बैक छोड़ना संभव नहीं है।इसी प्रकार गांव में भी बाखली नुमा दो मकानों के बीच एक ही दीवार होती है जिससे वहां पर भी सैट बैक छोड़ना संभव नहीं है।जहां पर कभी भी सड़क नहीं जा सकती या उसकी संभावना ही नहीं है वहां पर भवन निर्माता के लिए यह बात बाध्यता है कि वह अपने भवन में पार्किंग का प्रावधान करेगा।ऐसी स्थिति में जब वहां पर सड़क मार्ग है ही नहीं तो पार्किंग का कोई औचित्य ही नहीं होता।जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण का शुल्क भी काफी अधिक है जिससे जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।इसमें लेबर सैस के रूप में जो शुल्क लिया जा रहा है वह बहुत अधिक है जिससे जनता परेशान है।जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण लागू होने से पूर्व अल्मोड़ा में नगर पालिका परिषद अल्मोड़ा नगर क्षेत्र में भवन मानचित्र स्वीकृत करती रही है।इससे जो भी आय पालिका को होती थी उससे वह अपने कर्मचारियों के वेतन तथा पेंशन की कमी को पूरा करती थी।प्राधिकरण लागू होने से पालिका को कम से कम लगभग 30 से 40 लाख प्रतिवर्ष का नुकसान उठाना पड़ रहा है।जिससे कर्मचारियों के वेतन तथा पेंशन समय पर नहीं मिल पा रही है।ज्ञापन में कहा गया कि पूर्व में भी प्रदेश के मंत्रियों तथा मुख्यमंत्री ने भी यह स्वीकार किया है कि जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण पर्वतीय क्षेत्र के लिए उपयुक्त नहीं है और यह प्राधिकरण भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं।
जिससे उनके द्वारा उसे स्थगित किया गया लेकिन समाप्त नहीं किया गया।ज्ञापन के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल कोश्यारी से निवेदन किया गया कि अल्मोड़ा जैसे प्राचीन एवं ऐतिहासिक शहर में विकास प्राधिकरण को समाप्त किया जाए तथा स्टेट बिल्डिंग बायलॉज तथा लोक निर्माण विभाग के द्वारा पूर्व से स्थापित नियमों के अंतर्गत नगर पालिका को मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार दिया जाए।ज्ञापन सौंपने वालों में नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी,कांग्रेस के पूर्व जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक,वरिष्ठ अधिवक्ता पी सी तिवारी, उपपा की आनंदी वर्मा,आनंदी वर्मा, पेंशनर्स एसोसिएशन के जिला सचिव लक्ष्मण सिंह ऐठानी,पूर्व कांग्रेस जिला सचिव दीपांशु पांडे,सभासद हेम चन्द्र तिवारी,डे केयर सेंटर के अध्यक्ष हेमंत जोशी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन आनंद सिंह बगड़वाल,महेश चंद्र आर्य चंद्रमणि भट्ट,प्रताप सिंह सत्याल,ललित मोहन पंत सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।